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भारत चीन सीमा पर चिनूक हेलिकॉप्टर ने किया नाइट ऑपरेशन, जानिए क्यों….

सूत्रों ने कहा गलवान घाटी में भारतीय क्षेत्र पर अब चीनी सैनिक नहीं हैं। जानकारी दी कि चीनी सैनिकों द्वारा बनाए गए अस्थायी ढांचे हटाए गए हैं।

नई दिल्ली। वास्तविक नियंत्रण रेखा(LAC) सीमा पर बने तनाव के बीच भारतीय वायुसेना के मिग-29 और चिनूक हैवीलिफ्ट हेलीकाप्टर ने बॉर्डर के पास एक फॉरवर्ड एयरबेस पर नाइट ऑपरेशन किया। इस ऑपरेशन के जरिए भारत ने चीन को ये बताने की कोशिश की है कि हम किसी भी परिस्थिति में चीन से निपटने को तैयार हैं।

Indian army helicopter

बता दें कि भारत-चीन सीमा के पास फॉरवर्ड एयर बेस में इस तरह से ऑपरेशन किए जाने को लेकर वरिष्ठ लड़ाकू पायलट ग्रुप कैप्टन ए राठी ने कहा, ‘नाइट ऑपरेशन का अपना अलग ही महत्व है। वायुसेना सीमा पर तैनात जवानों की हर मदद के लिए किसी भी समय पूरे स्पेक्ट्रम का संचालन करने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित और तैयार है।’

उधर गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से उत्तराखंड से सटी चीन सीमा पर भी सेना अलर्ट दिखाई दे रही है। यहां पर भारतीय वायुसेना ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। उत्तरकाशी के निकट चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी का वायुसेना ने परीक्षण किया। सोमवार को वायुसेना के मिग 17 ने सीमा पर उड़ान भरी और हवाई पट्टी पर तीन बार टेक ऑफ और लैंडिंग की। इससे पहले 10 जून को वायुसेना के मालवाहक विमान एएन-32 ने यहां लैंडिंग की थी।

Galwan airforce

बता दें कि सीमा पर बने गतिरोध के बीच चीन के सैनिक गलवान नदी घाटी में कम से कम एक किलोमीटर पीछे हट गए हैं। खबर है कि 15 जून को झड़प वाली जगह से चीनी सैनिक 2 किलोमीटर पीछे चले गए हैं। इसके साथ ही भारतीय सैनिक भी उस जगह से पीछे हट गए हैं और दोनों सेनाओं ने अपने बीच एक बफर जोन बना लिया है। चीनी सैनिकों के पीछे हटने पर एक सूत्र ने कहा, ‘अभी यह देखना बाकी है कि क्या मौजूदा प्रक्रिया वास्तविक और स्थायी है या नहीं।’

LAC

सूत्रों का दावा है कि दोनों ओर से सैनिकों और अस्थायी ढांचों के हटाए जाने का फिजिकल कंफर्मेशन फिलहाल नहीं हुआ है। इसके 14 जुलाई तक पूरा होने की संभावना है। सूत्रों ने कहा गलवान घाटी में भारतीय क्षेत्र पर अब चीनी सैनिक नहीं हैं। जानकारी दी कि चीनी सैनिकों द्वारा बनाए गए अस्थायी ढांचे हटाए गए हैं। नदी के मोड़ पर चीनी सैनिकों द्वारा अवैध तरीके से कब्जा की गई जमीन से भी वे पीछे हट रहे हैं।