नई दिल्ली। वास्तविक नियंत्रण रेखा(LAC) सीमा पर बने तनाव के बीच भारतीय वायुसेना के मिग-29 और चिनूक हैवीलिफ्ट हेलीकाप्टर ने बॉर्डर के पास एक फॉरवर्ड एयरबेस पर नाइट ऑपरेशन किया। इस ऑपरेशन के जरिए भारत ने चीन को ये बताने की कोशिश की है कि हम किसी भी परिस्थिति में चीन से निपटने को तैयार हैं।
बता दें कि भारत-चीन सीमा के पास फॉरवर्ड एयर बेस में इस तरह से ऑपरेशन किए जाने को लेकर वरिष्ठ लड़ाकू पायलट ग्रुप कैप्टन ए राठी ने कहा, ‘नाइट ऑपरेशन का अपना अलग ही महत्व है। वायुसेना सीमा पर तैनात जवानों की हर मदद के लिए किसी भी समय पूरे स्पेक्ट्रम का संचालन करने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित और तैयार है।’
#WATCH Indian Air Force (IAF) Chinook heavylift helicopter at a forward airbase near India-China border carrying out night operations. pic.twitter.com/mDBD9dmZpa
— ANI (@ANI) July 7, 2020
उधर गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से उत्तराखंड से सटी चीन सीमा पर भी सेना अलर्ट दिखाई दे रही है। यहां पर भारतीय वायुसेना ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। उत्तरकाशी के निकट चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी का वायुसेना ने परीक्षण किया। सोमवार को वायुसेना के मिग 17 ने सीमा पर उड़ान भरी और हवाई पट्टी पर तीन बार टेक ऑफ और लैंडिंग की। इससे पहले 10 जून को वायुसेना के मालवाहक विमान एएन-32 ने यहां लैंडिंग की थी।
बता दें कि सीमा पर बने गतिरोध के बीच चीन के सैनिक गलवान नदी घाटी में कम से कम एक किलोमीटर पीछे हट गए हैं। खबर है कि 15 जून को झड़प वाली जगह से चीनी सैनिक 2 किलोमीटर पीछे चले गए हैं। इसके साथ ही भारतीय सैनिक भी उस जगह से पीछे हट गए हैं और दोनों सेनाओं ने अपने बीच एक बफर जोन बना लिया है। चीनी सैनिकों के पीछे हटने पर एक सूत्र ने कहा, ‘अभी यह देखना बाकी है कि क्या मौजूदा प्रक्रिया वास्तविक और स्थायी है या नहीं।’
सूत्रों का दावा है कि दोनों ओर से सैनिकों और अस्थायी ढांचों के हटाए जाने का फिजिकल कंफर्मेशन फिलहाल नहीं हुआ है। इसके 14 जुलाई तक पूरा होने की संभावना है। सूत्रों ने कहा गलवान घाटी में भारतीय क्षेत्र पर अब चीनी सैनिक नहीं हैं। जानकारी दी कि चीनी सैनिकों द्वारा बनाए गए अस्थायी ढांचे हटाए गए हैं। नदी के मोड़ पर चीनी सैनिकों द्वारा अवैध तरीके से कब्जा की गई जमीन से भी वे पीछे हट रहे हैं।