नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अजय कपूर ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया। कानपुर से लगातार तीन बार विधायक रह चुके अजय कपूर की गिनती यूपी कांग्रेस के बड़े नेताओं में होती है। इतना ही नहीं अजय कपूर गांधी परिवार के भी करीबी माने जाते हैं। अजय कपूर बिहार में कांग्रेस पार्टी के प्रभारी भी रहे हैं।
#WATCH | Ajay Kapoor, Congress National General Secretary, joins the BJP in Delhi. pic.twitter.com/dkomjHACES
— ANI (@ANI) March 13, 2024
अजय कपूर साल 2002 में पहली बार कांग्रेस की टिकट पर गोविंद नगर विधानसभा से विधायक बने। इसके बाद लगातार तीन चुनावों में उन्होंने जीत दर्ज की और वह 2002 से 2017 तक विधायक रहे। बाद में जब गोविंद नगर विधान सभा से अलग होकर किदवई नगर विधानसभा बनी तो अजय कपूर किदवई नगर विधानसभा से भी विधायक रहे। बीते 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने किदवई नगर सीट से अजय कपूर को अपना उम्मीदवार बनाया था, हालांकि उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। तब भाजपा के उम्मीदवार महेश त्रिवेदी ने करीब 38 हजार वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में अजय कपूर को कानपुर नगर से टिकट देने का मन बना रही थी लेकिन उससे पहले ही अजय कपूर ने कांग्रेस को झटका देते हुए भाजपा से हाथ मिला लिया। अगर अजय कपूर की संपत्ति की बात करें तो बीते चुनाव में नामांकन के दौरान दी गई जानकारी के मुताबिक उनकी कुल संपत्ति करीब 69 करोड़ है। हालांकि कहा यह भी जाता है कि बीते 15 सालों में उनकी संपत्ति करीब 14 गुना बढ़ी है। 2007 में नामांकन के दौरान अजय कपूर ने अपनी कुल संपत्ति 5.28 करोड़ बताई थी, जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में नामांकन के दौरान उन्होंने अपनी संपत्ति 31.39 करोड़ बताई थी। आपको बता दें कि अजय कपूर उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता सतीश महाना के रिश्तेदार हैं। अजय कपूर के भाई विजय कपूर कानपुर के बड़े उद्योगपति हैं और पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं।