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Video: ‘अखिलेश को खुलकर मान लेना चाहिए अल्लाह को’, रामचरितमानस पर नरेश अग्रवाल ने सपा की लगाई क्लास

शिवपाल सिंह यादव ने तो इसे स्वामी प्रसाद मौर्य का निजी बयान बताकर पल्ला झाड़, लेकिन अब विरोधियों के निशाने पर आ गए अखिलेश यादव। सूबे की राजनीति में लगातार उनकी चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उन्होंने अभी तक इस पर कोई बयान क्यों नहीं दिया है। आखिर उनकी चप्पी के क्या मायने हैं?

नई दिल्ली। यूपी-बिहार की राजनीति में रामचरितमानस पर शुरू हुआ विवादित बयान देने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की ओर से इस पर बयान पर आया था। उन्होंने रामचरितमानस पर लिखे एक श्लोक को दलितों के खिलाफ बताया था। जिसके बाद खूब बवाल हुआ। बीजेपी सीएम नीतीश कुमार से बिहार के शिक्षा मंत्री को ना महज कैबिनेट, बल्कि पार्टी से भी बर्खास्त करने की मांग कर रही थी, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। हालांकि, बाद में खबर आई कि अंदरखाने चंद्रशेखर को अच्छे से समझा दिया गया है कि वो ऐसे विवादित बयान देने से गुरेज करें। इसके बाद ज्यादा दिन नहीं बीते की समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद ने भी एक ऐसा ही बयान दे दिया।

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स्वामी तो चंद्रशेखर से एक कदम आगे निकल गए। उन्होंने इस ग्रंथ को बकवास तक बता दिया और इसमें लिखे श्लोकों को दलित विरोधी बताया। जिसके बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया। सपा नेता ने रामचरितमानस पर सरकार से प्रतिबंध लगाए जाने की भी मांग कर दी। और कुछ श्लोकों को विवादित बताते हुए उसे हटाए जाने की भी बात कह दी थी। जिसके बाद प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया। बीजेपी समाजवादी पार्टी को आड़े हाथों में लेने में मशगूल गई।

बता दें कि शिवपाल सिंह यादव ने तो इसे स्वामी प्रसाद मौर्य का निजी बयान बताकर पल्ला झाड़ लिया, लेकिन अब विरोधियों के बीजेपी पर आ गए अखिलेश यादव। सूबे की राजनीति में लगातार उनकी चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उन्होंने अभी तक इस पर कोई बयान क्यों नहीं दिया है? आखिर उनकी चप्पी के क्या मायने हैं? यह सवाल अभी सूबे की राजनीति में खूब चर्चा में है। वहीं, अब बीजेपी नेता नरेश अग्रवाल ने अखिलेश यादव की चुप्पी पर सवास उठाए हैं। उन्होंने मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में कहा कि अखिलेश जी को अब खुलकर कह देना चाहिये, कि हम “अल्लाह” को मानते हैं, हम ‘राम’ को नहीं मानते।

वहीं, अब उनके इस बयान पर सपा ने करारा हमला बोला है। समाजवादी पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा कि जिस समय नरेश अग्रवाल बीजेपी में नहीं थे। उस समय उन्होंने विष्णु और राम पर विवादित टिप्पणी की थी। बता दें कि नरेश अग्रवाल बीजेपी से पहले समाजवादी पार्टी में थे। और सपा में रहने के दौरान उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं के संदर्भ में अभद्र टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि ‘व्हिस्की में विष्णु बसें, रम में बसें राम, जिन में माता जानकी और ठर्रे में हनुमान। बोलो रामचंद्र की जय।’

बता दें कि उनके इस बयान को लेकर प्रदेश में खूब बवाल हुआ था। यहां तक सपा के नेताओं ने भी उनके बयान की मुखालफत की थी, जिसके कुछ माह बाद ही वे बीजेपी में शामिल हो गए और अब जब उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर अखिलेश यादव पर सवाल उठाया है, तो अब सपा की तरफ से नरेश अग्रवाल को उनके पुराने बयानों की याद दिलाई गई।

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अखिलेश यादव की तरफ से क्या प्रतिक्रिया सामने आती है। इन सभी सवालों पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। उससे पहले आपको बता दें कि बीते दिनों मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को बकवास और दलित विरोधी पुस्तक बता दिया था।

यही नहीं, इस पुस्तक पर सरकार से प्रतिबंध लगाए जाने की भी मांग कर दी थी, जिसकी बीजेपी की ओर से कड़ी भत्सर्ना की गई थी। बाद में स्वामी के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज करवाई गई थी और उनके मंदिर में प्रवेश करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था।

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बता दें कि मंदिर में जगह-जगह पोस्टर लगा दिए थे कि उन्हें अंदर जाने की इजाजत नहीं है। यह सबकुछ उनके द्वारा रामचरितमानस पर अभद्र टिप्पणी के बाद किया गया था। वहीं आज उन्होंने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। आज उन्होंने मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में कहा कि मैं देख रहा हूं कि कुछ साधु-संतों की तरफ से मेरे बयान की आलोचना की जा रही है, लेकिन मैं एक बात साफ कह देना चाहता हूं कि जिन साधु-संतों की तरफ से मेरे बयान की आलोचना की जा रही है, वो खुद ही अपने आप में जल्लाद हैं और मुझे नहीं लगता है कि मैंने जो कुछ भी कहा है, वह गलत है।

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हैरानी इस बात को लेकर है कि कई लोग स्वामी के बयान का समर्थन भी कर रहे हैं, जिसका बीजेपी की तरफ से विरोध किया जा रहा है। जिसे वेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा-परिचर्चा का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।