![Akhilesh Yadav And MVA: महाविकास अघाड़ी के सामने अखिलेश यादव ने चला दांव, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए 4 प्रत्याशी किए घोषित; समाजवादी पार्टी ने 12 सीट मांगी थीं](https://hindi.newsroompost.com/wp-content/uploads/2024/08/akhilesh2.jpg)
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए एक तरफ कांग्रेस, उद्दव ठाकरे की शिवसेना-यूबीटी और शरद पवार की एनसीपी के महाविकास अघाड़ी में सीट बंटवारे पर फैसला नहीं हो सका है। इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपना दांव चल दिया है। अखिलेश यादव शुक्रवार को मुंबई पहुंचे थे। वहां अपने पार्टी नेताओं से बातचीत करने के बाद अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी से 4 प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया है। इससे पहले समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष और विधायक अबु आसिम आजमी ने महाविकास अघाड़ी से 12 सीटों की मांग की थी।
अखिलेश यादव ने अबु आसिम आजमी को शिवाजी नगर, रईस शेख को भिवंडी ईस्ट, रियाज आजमी को भिवंडी वेस्ट और शान-ए-हिंद को मालेगांव से समाजवादी पार्टी प्रत्याशी बनाया है। यानी उन्होंने साफ कर दिया है कि महाविकास अघाड़ी अगर इन सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारती है, तो भी समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र की इन 4 सीटों पर विधानसभा चुनाव जरूर लड़ेगी। माना जा रहा है कि अब अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और 8 सीट हासिल करने के लिए महाविकास अघाड़ी पर दबाव डालेगी। इससे पहले अबु आसिम आजमी ने ये कहा था कि समाजवादी पार्टी को उन सभी सीटों पर जरूर चुनाव लड़ना चाहिए, जहां वो मजबूत है।
अगर महाविकास अघाड़ी के बीच सीट बंटवारे का मसला देखें, तो गठबंधन के बारे में खबर है कि 288 में से 258 सीटों के बंटवारे पर कांग्रेस, उद्धव ठाकरे और शरद पवार के बीच सहमति बन गई है। इसके अलावा सीएम चेहरे के मुद्दे पर भी महाविकास अघाड़ी में मतभेद है। जहां उद्धव ठाकरे की शिवसेना-यूबीटी सीएम चेहरे के साथ महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ने का दबाव डाल रही है। वहीं, कांग्रेस और शरद पवार का कहना है कि चुनाव के बाद सीटों की संख्या के हिसाब से महाविकास अघाड़ी का सीएम तय होना चाहिए। महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव 20 नवंबर को होने हैं। अगर 2019 के नतीजों की बात करें, तो बीजेपी को 105, अविभाजित शिवसेना को 56, अविभाजित एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीट पर जीत मिली थी। बहुजन विकास अघाड़ी ने 3, एआईएमआईएम और समाजवादी पार्टी को 2-2 और अन्य दलों को 8 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। 13 निर्दलीय विधायक भी चुने गए थे।