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हनुमान मंदिर गए अखिलेश यादव कर बैठे बड़ी गलती, लोगों ने लगा दी जमकर क्लास

Uttar Pradesh: साल 2017 में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सत्ता गंवाने और 2019 में करारी मात खाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अपनी पार्टी को मुस्लिम छवि से बाहर निकालने के लिए सॉफ्ट हिंदुत्व की दिशा में कदम बढ़ा रहे है।

नई दिल्ली। साल 2017 में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सत्ता गंवाने और 2019 में करारी मात खाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अपनी पार्टी को मुस्लिम छवि से बाहर निकालने के लिए सॉफ्ट हिंदुत्व की दिशा में कदम बढ़ा रहे है। वह लगातार पिछले कई दिनों से मंदिरों के दौरे कर रहे हैं। इसी कड़ी में सपा अध्यक्ष अयोध्या के बाद धर्मिक नगरी चित्रकूट पहुंचे। सोशल मीडिया पर उन्होंने कुछ तस्वीरें भी शेयर की है। लेकिन इस दौरान अखिलेश यादव एक नहीं बल्कि कई गलती कर बैठे। जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी जमकर किरकिरी हो रही है।

दरअसल चित्रकूट प्रवास के दूसरे दिन अखिलेश यादव हनुमान मंदिर गए, इससे पहले भगवान कामतानाथ की शरण में पहुंचे, इस दौरान अखिलेश यादव कई गलतियां कर बैठे, भगवान कामतानाथ की शरण में पहुंचे अखिलेश यादव ने पूजा अर्चना करके विजिटर बुक पर अंग्रेजी में लिखा, कामतानाथ की कृपा हो, विजिटर बुक में अंग्रेजी में लिखने पर कामदगिरि प्रमुख द्वार के अधिकारी ने टोंका दिया, जिसके बाद उन्होंने फिर हिंदी में लिखा।

यही नहीं अखिलेश परिक्रमा करना भी भूल गए थे, उनके कहने पर ही कामदगिरि की परिक्रमा लगाई। इतना ही नहीं हद तो तब हो गई जब हनुमान मंदिर पहुंचे अखिलेश यादव घंटा भी न बजा पाए। अखिलेश यादव वरहा हनुमान मंदिर के पास घंटा बजाने के लिए उछले लेकिन वो घंटा बजा नहीं सके।

Akhilesh Yadav

सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत पटेल ने अपने ट्वीट में लिखा, राहुल गांधी देश के बाहर हैं तो मनोरंजन की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश के पप्पू नें ले ली है। एक वो थे जो मोबाइल में देखकर विजिटर बुक में मैसेज लिखते थे, ये अंग्रेजी में लिख रहे हैं। जिनका जीवन अजान-इफ्तार में बीता हो वो कभी शंख क्या बजा पाएंगे, हनुमान जी ऐसे ढोंगियों को समझते हैं।

वहीं इस गलती के बाद अखिलेश यादव सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गए। लोगों ने अखिलेश यादव की जमकर क्लास लगा डाली।

अखिलेश बोले सपा के हैं ‘भगवान राम’, लोगों ने कुछ ऐसे किया रिएक्ट

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) हमेशा से अयोध्या में श्री राम मंदिर बनने का विरोध करती रही है। मुलायम सिंह की हिन्दुत्ववादी संगठन और कई लोग आलोचना भी करते आए हैं क्योंकि जब 2 नवंबर, 1990 को अयोध्या में कारसेवकों ने रैली की थी, तब उन्होंने पुलिस को गोली चलाने का आदेश दिया था, जिसमें कई कारसेवकों की भी मौत हो गई थी। उस समय वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। इस बीच सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है। जिसमें यूपी की सपा और बसपा पार्टी ने विधानसभा चुनाव में भाजपा को हारने के लिए मिलकर चुनाव लड़ा था। मुलायम सिंह और कांशीराम की पार्टी ने मिलकर ये चुनाव लड़ा था। उस समय भाजपा की तरफ से राम मंदिर का नारा दिया गया था। भाजपा के इस नारे के खिलाफ सपा-बसपा ने नारा दिया था, ‘मिले मुलायम कांशीराम, हवा में उड़ गए जयश्री राम’। जिससे स्पष्ट हो गया था कि सपा-बसपा श्रीराम के अस्तित्व को मानती ही नहीं है। इसके बाद कई मौकों पर अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के नेता राम मंदिर को लेकर कई तरह के सवाल खड़े करते रहे है। अब जबकि अयोध्या में रामलला के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया और राम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भूमि पूजन का काम कर दिया तो सपा को प्रदेश में अपनी डूबती राजनीतिक नैय्या को बचाने के लिए प्रभु श्रीराम के सहारे की जरूरत पड़ रही है।

Mulayam Singh Yadav

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने डूबती राजनीति को बचाने के लिए एक बार फिर राम का राग अलापा है। दरअसल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि भगवान राम सपा के हैं और उनकी पार्टी के सदस्य राम भक्त हैं। साथ ही अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि वह जल्द ही अपने परिवार के सदस्यों के साथ अयोध्या जाएंगे।

Akhilesh Yadav

अखिलेश यादव ने अयोध्या में कहा, ‘भगवान राम समाजवादी पार्टी के हैं। हम राम भक्त और कृष्ण भक्त हैं।’ वह अयोध्‍या शहर में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक संक्षिप्त बैठक कर रहे थे। इस दौरान अखिलेश ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी का अनुभव बड़े दलों के साथ अच्छा नहीं रहा है और इस तरह अगले विधानसभा चुनावों में वह बड़े दलों को छोड़कर छोटे दलों के साथ गठबंधन करेंगे।

ये महत्वपूर्ण घटनाक्रम प्रदेश की सियासत पर कितना असर डालेगा, इसका अंदाजा 90 के दशक में हुए ऐसे ही गठबंधन से लगाया जा सकता है। उस समय विधानसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने कांशीराम के साथ गठबंधन किया था और भाजपा के विजय रथ को थाम लिया था।

वहीं सोशल मीडिया पर यूजर्स ने अखिलेश यादव के भगवान राम सपा के हैं वाले बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। इतना ही नहीं लोगों ने उनकी जमकर खिचाई भी कर डाली।