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Ramcharitmanas Row: रामचरितमानस मुद्दे पर अपनी पार्टी में ही घिरते जा रहे अखिलेश यादव, अब सपा विधायक ने खोला मोर्चा

पार्टी की प्रवक्ता रोली मिश्रा तिवारी ने पहले ही इस मामले में मोर्चा खोला था। अब अमेठी से सपा के विधायक राकेश प्रताप सिंह ने स्वामी प्रसाद के रामचरितमानस मामले में दिए गए बयान पर अपनी नाराजगी सार्वजनिक तौर पर सामने ला दी है। राकेश प्रताप ने ये भी कहा है कि वो इस मुद्दे पर पद भी छोड़ने को तैयार हैं।

अमेठी। पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर सवाल उठाने और उसे बैन करने की मांग का समाजवादी पार्टी (सपा) में ही विरोध शुरू हो गया है। अखिलेश यादव इस मुद्दे पर अपनी ही पार्टी में घिरते दिख रहे हैं। सपा की प्रवक्ता रोली मिश्रा तिवारी ने पहले ही इस मामले में मोर्चा खोल रखा है। अब अमेठी से सपा के विधायक राकेश प्रताप सिंह ने स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस मामले में दिए गए बयान पर अपनी नाराजगी सार्वजनिक तौर पर सामने ला दी है। राकेश प्रताप सिंह ने शनिवार को बयान दिया कि भगवान राम के चरित्र पर टिप्पणी करने वाला समाजवादी या सनातनी नहीं, बल्कि विक्षिप्त प्राणी हो सकता है। राकेश प्रताप यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्य है कि स्वामी प्रसाद मौर्य उनकी पार्टी के नेता हैं और सपा का प्रतिनिधित्व करते हैं।

sp mla rakesh pratap singh and swami prasad maurya
अमेठी से सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह और स्वामी प्रसाद मौर्य की फाइल फोटो।

राकेश प्रताप सिंह ने इसके साथ ही ये भी साफ कर दिया कि रामचरितमानस के अपमान के मामले में वो कदम पीछे नहीं खींचेंगे। सपा विधायक ने कहा कि जब भी कोई भगवान राम के चरित्र या सनातन धर्म की आस्था पर हमला करेगा, तो वो विरोध में सीना तानकर खड़े होंगे। राकेश ने ये भी कहा कि वो विधायक रहें या न रहें, लेकिन धर्म पर अंगुली उठी, तो चुप नहीं रहेंगे। भगवान राम और भगवान कृष्ण के बारे में टिप्पणी करने वालों का विरोध करने का सपा विधायक ने एलान किया है। सपा के विधायक ने कहा कि मेरे लिए पद, प्रतिष्ठा और धन से ज्यादा सनातन धर्म और संस्कृति की रक्षा महत्वपूर्ण है।

akhilesh yadav and swami prasad maurya
अखिलेश यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य।

राकेश प्रताप सिंह ने कहा कि भगवान राम हमारे आदर्श हैं। जो बात स्वामी प्रसाद मौर्य ने कही है, वो सपा की भाषा नहीं हो सकती। अमेठी से विधायक ने कहा कि सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए। वो भी अखिलेश से मिलकर इस मुद्दे को उठाएंगे। बता दें कि स्वामी प्रसाद के रामचरितमानस पर दिए गए बयान पर अखिलेश यादव ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इससे आरोप लग रहा है कि अखिलेश की शह पर ही समाज के वर्गों में टकराव पैदा करने के लिए स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया। स्वामी प्रसाद के बयान के बाद लखनऊ में रामचरितमानस की प्रतियां भी एक ओबीसी संगठन ने जलाई थीं। इस मामले में पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया था। अब राकेश प्रताप सिंह के बयान से साफ है कि इस मामले में अखिलेश यादव को पार्टी के भीतर ही बड़े विरोध का सामना करना पड़ सकता है। जिसका असर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पर भी पड़ने के आसार दिख रहे हैं।