नई दिल्ली। संसद हमले को दोषी अफजल गुरु की फांसी के मामले पर एक फिर सवाल उठाये गए हैं। भारत की न्याय प्रक्रिया को एक बार फिर सवालों के घेरे में लाने की कोशिश की गई है। इसको लोकतांत्रिक प्रक्रिया बिल्कुल नहीं माना जा सकता जिसमें न्यायालयों के आदेशों पर सवाल उठाए जाए। जबकि भारतीय न्याय व्यवस्था की यह खूबसूरती है कि इसमें एक भी बेगुनाह को सजा ना हो इसकी पूरी व्यवस्था की गई है।
लेकिन अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के बाद से कभी जेएनयू के कैंपस में उसकी फांसी के विरोध में कार्यक्रम आयोजित क्या जाता है तो कभी किसी नामी गिरामी हस्ती के द्वारा अदालत के इस फैसले पर सवाल खड़ा किया जाता है। अदालत के इसी फैसले को लेकर अपने वक्त की मशहूर बॉलीवुड एक्ट्रेस और बॉलीवुड के कुशल निर्देशक महेश भट्ट की पत्नी सोनी राजदान ने सवाल उठाए हैं। सोनी राजदान सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा एक्टिव रहती हैं जहां वह अक्सर अपने दिल की बात अपने फैंस से शेयर करती है। हाल ही में सोनी राजदान ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक ऐसा ट्वीट किया है जिसे लेकर वह चर्चा में आ गई हैं।
सोनी राजदान ने अफजल गुरु की फांसी पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि यह एक तरह से अन्याय हुआ है। अगर वह निर्दोष है तो उस आदमी को कैसे वापस वापस लाया जाएगा और कैसे उसे इंसाफ दिया जाएगा। यही कारण है कि मृत्युदंड को हल्के में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। और यही कारण है कि इसकी भी ठोस जांच होनी चाहिए कि अफजल गुरु को बलि का बकरा क्यों बनाया गया।
मतलब साफ है कि सोनी राजदान यह कहना चाहती हैं कि अफजल गुरु को “बलि का बकरा बनाया गया”।
सोनी राजदान ने भारतीय न्याय व्यवस्था पर यह सवाल तब खड़े किए हैं जब जम्मू-कश्मीर पुलिस के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देवेंद्र सिंह को आतंकियों के साथ संबंध रखने के मामले में गिरफ्तार किया गया है और अफजल गुरु के साथ उसके कनेक्शन की बात कही जा रही है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या संसद हमले के मामले में अफजल गुरु के साथ देवेंद्र सिंह भी इस मामले के दोषी थे।
ऐसे में देवेंद्र सिंह का नाम अब सीधे तौर पर संसद हमले से जुड़ रहा है। अफजल गुरु ने सजा-ए-मौत से पहले कोर्ट में देवेंद्र सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे। लेकिन उस वक्त पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने अफजल की बात को देवेंद्र के खिलाफ साजिश मानकर खारिज कर दिया था।