नई दिल्ली। झारखंड में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। इस बीच सीट बंटवारे को लेकर इंडिया गठबंधन में दरार पड़ती दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा सीट बंटवारे के ऐलान से लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी खुश नहीं है। आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि सारे फैसले मैगी टू मिनट नूडल्स में नहीं होते हैं। हेमंत सोरेन का यह एकतरफा फैसला है, तमाम विकल्प खुले हुए हैं। झारखंड में इंडिया गठबंधन में जेएमएम, कांग्रेस, आरजेडी और सीपीआई (एमएल) दल शामिल हैं। जेएमएम के नेता और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने आज प्रदेश कांग्रेस गुलाम अहम मीर की मौजूदगी में सीट बंटवारे का ऐलान कर दिया। हेमंत के मुताबिक झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से 70 सीटों पर जेएमएम और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ेगी। जबकि शेष बची 11 सीटें आरजेडी और सीपीआई (एमएल) के लिए छोड़ दी हैं। हेमंत सोरेन ने यह ऐलान तब किया जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी खुद रांची में मौजूद हैं। वहीं सोरेन के इस ऐलान के बाद
#WATCH रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग पर राजद नेता मनोज झा ने कहा, “हमारा(राजद) पूरा नेतृत्व यहां है…आज सुबह बैठक हुई और उस बैठक में ये पाया गया कि ताकत जनाधार की है जो राजद के पक्ष में है। पिछली बार हम 7 सीटों पर लड़े क्योंकि लालू यादव का हृदय विशाल था। हमारा… pic.twitter.com/Ui6BX14Br1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 19, 2024
आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने खुलेआम नाराजगी जताते हुए कहा, आरजेडी का पूरा नेतृत्व रांची में है। आज सुबह बैठक हुई और उस बैठक में ये पाया गया कि जनाधार आरजेडी के पक्ष में है। पिछली बार हम 7 सीटों पर लड़े क्योंकि लालू यादव का हृदय विशाल था। हमारा लक्ष्य था बीजेपी को हटाओ जो आज भी है। दु:ख के साथ कहना पड़ रहा है कि सीट बंटवारे पर एकतरफा फैसला लिया गया। आरजेडी की अलग-अलग जिलों में मौजूदगी है और हमारी पार्टी की स्थिति मजबूत है। हम अपने गठबंधन के सहयोगियों को कहेंगे कि इस आधार पर फैसला लें।
आरजेडी सांसद ने कहा कि कल से हमारे नेता तेजस्वी यादव रांची में हैं, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव यहां हैं। सब लोगों के होने के बावजूद अगर गठबंधन तय करने में हमें शामिल नहीं किया गया तो इस बात का दु:ख तो होता है। कष्ट इसलिए भी होता है कि हमारी ताकत शायद बहुत ज्यादा है। हम लोगों ने 15 से 18 ऐसी सीटें चिह्नित की हैं जहां हम शायद अकेले भी बीजेपी को परास्त करने में सक्षम हैं। हमारे लिए तमाम विकल्प खुले हुए हैं क्योंकि कोई भी राजनीतिक दल अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं की मनोभावना को दरकिनार करके आगे चले यह उचित नहीं लगता।