
नई दिल्ली। केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने बताया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा को पद से हटाने के लिए कांग्रेस समेत सभी दल सहमत हैं। पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में रिजिजू ने जस्टिस वर्मा के घर कैश बरामदगी मामले समेत न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर खुलकर बात की। रिजिजू ने जस्टिस यशवंत वर्मा के घर कैश बरामदगी मामले का जिक्र करते हुए कहा कि न्यायपालिका में भ्रष्टाचार एक बेहद संवेदनशील और गंभीर मामला है, क्योंकि न्यायपालिका ही वह जगह है जहां लोगों को न्याय मिलता है। अगर न्यायपालिका में ही भ्रष्टाचार है तो यह सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
VIDEO | PTI EXCLUSIVE: In an exclusive interview with PTI CEO and Editor-in-Chief Vijay Joshi, Union Minister of Parliamentary Affairs Kiren Rijiju (@KirenRijiju) opens up on a range of topics, including the judge cash row case.
While addressing the issue of corruption in the… pic.twitter.com/n9TYGUgNPR
— Press Trust of India (@PTI_News) July 18, 2025
रिजिजू ने कहा कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने के प्रस्ताव पर सभी राजनीतिक दलों के हस्ताक्षर होने चाहिए। इसके लिए मैंने पहले ही विभिन्न राजनीतिक दलों के सभी वरिष्ठ नेताओं से बात कर ली है। मैं कुछ एकल सांसद दलों से भी संपर्क करूंगा, क्योंकि मैं किसी भी सदस्य को छोड़ना नहीं चाहता। जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए सहमत हो गई है, तो इस पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, हां, मुझे खुशी है कि उन्होंने चीजों को वैसे ही समझा जैसा उन्हें समझना चाहिए, क्योंकि कोई भी पार्टी किसी भ्रष्ट न्यायाधीश के साथ खड़ी नहीं सकती और न ही किसी भ्रष्ट न्यायाधीश का बचाव करना चाहेगी।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार जस्टिस वर्मा के खिलाफ संसद के मानसून सत्र में महाभियोग प्रस्ताव लाने जा रही है। इस प्रस्ताव के लिए 100 सांसदों के हस्ताक्षर होने जरूरी हैं। उधर जस्टिस वर्मा ने अपने खिलाफ जांच आयोग की रिपोर्ट को खारिज करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उन्होंने दलील में कहा है कि संविधान में शीर्ष अदालत के सीजेआई को हाईकोर्ट या उसके जजों पर एक्शन लेने का अधिकार नहीं दिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मीडिया ट्रायल के जरिए मेरी छवि खराब की गई।