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Ankita Bhandari Murder Case : अंकिता भंडारी हत्याकांड में तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा, 50-50 हजार का जुर्माना

Ankita Bhandari Murder Case : उत्तराखंड पौड़ी जिले की रहने वाली 19 साल की अंकित भंडारी ऋषिकेश के गंगा भोगपुर में स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी। वीआईपी कस्टमर को स्पेशल सर्विस देने से इनकार करने पर रिजॉर्ट के मालिक और संचालक पुलकित आर्य ने दो कर्मचारियों सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता के साथ मिलकर अंकिता की हत्या कर दी थी।

नई दिल्ली। उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने तीनों दोषियों पर 50-50 हजार का जुर्माना भी लगायाा है। साथ ही सरकार से पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपए का मुआवजे देने को भी कहा है। इन तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 302 (हत्या), 354ए (छेड़छाड़), 201 साक्ष्य मिटाना, अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय हुए थे। पौड़ी जिले की रहने वाली 19 साल की अंकित भंडारी ऋषिकेश के गंगा भोगपुर में स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी। वीआईपी कस्टमर को स्पेशल सर्विस देने से इनकार करने पर अंकिता की हत्या कर दी गई थी।

अंकिता के हत्यारे पुलकित, अंकित और सौरभ की फाइल फोटो

18 सितंबर 2022 को अंकिता लापता हुई थी। इसके एक हफ्ते बाद अंकिता का शव चीला नहर से पुलिस ने  बरामद किया था। इस मामले में पुलिस ने वनंतरा रिजॉर्ट के मालिक और संचालक पुलकित आर्य वहां के दो कर्मचारियों सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले की जांच के लिए उत्तराखंड सरकार ने एसआईटी का गठन किया गया था। उप महानिरीक्षक पी रेणुका देवी के नेतृत्व में गठित स्पेशल जांच टीम ने यह पता लगाया कि इन तीनों ने ही अंकिता को चीला नहर में धक्का दे दिया था।

जांच टीम ने बताया था कि ये तीनों चाहते थे कि रिसॉर्ज में आने वाले उनके वीआईपी कस्टमर को खुश करने के लिए अंकिता उनको स्पेशल सर्विस दे। मगर अंकिता ने उनकी बात नहीं मानी। इसी के चलते उसकी हत्या कर दी गई। उत्तराखंड सरकार की तरफ से अंकिता के परिवार को 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी गई थी साथ ही उसके भाई को सरकारी नौकरी भी दी गई है। इस मामले में एसआईटी ने 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। एसआईटी ने इस मामले में 97 गवाह बनाए थे, जिनमें से 47 अहम गवाहों को अदालत में पेश कराया गया।