
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट से निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली और उसके मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर को बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुरेंद्र कोली को निठारी कांड के 12 मामलों और मोनिंदर सिंह पंढेर को 2 मामलों में बरी कर दिया है। चर्चित निठारी कांड के इन सभी मामलों में निचली अदालत ने सुरेंद्र कोली और मोनिंदर पंढेर को मौत की सजा सुनाई थी। जिसे दोनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। 134 दिन तक के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित हो गया था। जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस एसएएच रिजवी की बेंच ने सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को दोषमुक्त करने का फैसला सोमवार को सुनाया। सुरेंद्र कोली पर आरोप है कि वो नोएडा के निठारी में मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी डी-5 का केयरटेकर था। कोली पर पुलिस ने आरोप लगाया कि वो निठारी गांव में रहने वाले परिवारों की नाबालिग लड़कियों को लालच देकर पंढेर की कोठी में लाता था।
BREAKING | [NITHARI KILLINGS]#AllahabadHighCourt ACQUITS prime accused Surendra Koli in 12 cases in which he was awarded a death penalty by the trial Court.
Moninder Singh Pandher ACQUITTED in two cases in which he was awarded the death penalty. pic.twitter.com/pIp210TPPU
— Live Law (@LiveLawIndia) October 16, 2023
सुरेंद्र कोली पर दर्जनों लड़कियों की हत्या करने, रेप करने और उनका मांस खा जाने का आरोप लगाया गया। कोली पर आरोप है कि रेप और हत्या करने के बाद लड़कियों की लाश को मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पास बहने वाले नाले में फेंक देता था। निठारी गांव से लगातार जब नाबालिग लड़कियां गायब होने लगीं, तो वहां इसे लेकर हलचल हुई। पुलिस ने जांच की और फिर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया गया। मोनिंदर सिंह पंढेर को हत्या की बात छिपाने और सबूत मिटाने में सहयोग का आरोपी बनाया गया था। सीबीआई ने बाद में इस मामले की जांच की थी। दोनों को ही निचली अदालतों ने लंबी सुनवाई के बाद मौत की सजा दी थी। वहीं, पंढेर का कहना था कि सुरेंद्र कोली के अपराध से उसका कुछ लेना-देना नहीं है और वो बेकसूर है। 2 मामलों में हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद बाकी मामलों में देखना है कि पंढेर का क्या होता है।

निठारी का ये सनसनीखेज हत्याकांड में 29 दिसंबर 2006 को पंढेर और सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया गया था। अगले ही दिन यानी 30 दिसंबर को नाले से और बच्चों के कंकाल मिले थे। 5 जनवरी 2007 को गांधीनगर में पंढेर और कोली का नारको टेस्ट हुआ। जिसके बाद 10 जनवरी को सीबीआई ने केस अपने हाथ लिया। 11 जनवरी को नाले से और इंसानी हड्डियां मिलीं। 12 फरवरी 2009 को सीबीआई की अदालत ने मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को रेप और हत्या का दोषी ठहराया। 11 सितंबर 2009 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पंढेर को बरी कर दिया था। इसके बाद 2010 में 7 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने रिम्पा हालदार के केस में सुरेंद्र कोली की मौत की सजा बरकरार रखी। 4 मई को कोली को आरती प्रसाद की हत्या में मौत की सजा सुनाई गई। 28 सितंबर को सुरेंद्र कोली को रचना लाल की हत्या और फिर 22 दिसंबर को हत्या के एक और केस में चौथी बार मौत की सजा सुनाई गई थी।