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Justice Yashwant Verma: नोट कांड में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा के शपथ लेने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन नाराज, चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिख कहा- न्यायिक संस्थान से भरोसा खत्म हो सकता है

Justice Yashwant Verma: बार एसोसिएशन ने लिखा है कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ पहली नजर में विश्वसनीय सबूत मिलने के बाद इन-हाउस जांच बिठाई गई है और ये बताया गया है कि यह जांच युद्धस्तर पर की जा रही है। जिससे सुनिश्चित किया जा सके कि सबूतों से छेड़छाड़ या उन्हें नष्ट न किया जाए। बार एसोसिएशन ने चिट्ठी में लिखा है कि न्याय न केवल किया जाना चाहिए, बल्कि ऐसा दिखना भी चाहिए।

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने जस्टिस यशवंत वर्मा के शपथ लेने के तरीके की निंदा की है। एचसीबीए ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को इस बारे में चिट्ठी लिखी है। बार एसोसिएशन ने लिखा है कि जस्टिस यशवंत वर्मा का शपथग्रहण गुप्त, भ्रामक और अस्वीकार्य है। बार एसोसिएशन ने निराशा जताते हुए ये भी कहा कि जस्टिस यशवंत वर्मा को पीठ पीछे शपथ दिलाई गई। साथ ही यशवंत वर्मा के शपथग्रहण के दौरान कानूनी बिरादरी को अंजान रखा गया। चिट्ठी में बार एसोसिएशन ने कहा है कि इसकी वजह से न्यायिक संस्थान में उनका भरोसा खत्म हो सकता है।

 

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस को लिखी चिट्ठी में मौलिक मूल्यों की रक्षा और संस्था की परंपराओं का पालन करने का भी आग्रह किया है। बार एसोसिएशन ने लिखा है कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ पहली नजर में विश्वसनीय सबूत मिलने के बाद इन-हाउस जांच बिठाई गई है और ये बताया गया है कि यह जांच युद्धस्तर पर की जा रही है। जिससे सुनिश्चित किया जा सके कि सबूतों से छेड़छाड़ या उन्हें नष्ट न किया जाए। बार एसोसिएशन ने चिट्ठी में लिखा है कि न्याय न केवल किया जाना चाहिए, बल्कि ऐसा दिखना भी चाहिए। चिट्ठी में लिखा गया है कि जस्टिस यशवंत वर्मा को शपथ दिलाना हमारी न्यायिक प्रणाली में एक तत्वमय घटना है। चीफ जस्टिस को बार एसोसिएशन ने लिखा है कि संस्था में वकील समान हिस्सेदार हैं। इसलिए उन्हें इससे दूर नहीं रखा जा सकता। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने एक प्रस्ताव भी पास किया है। इस प्रस्ताव में कहा गया है जस्टिस यशवंत वर्मा का शपथ लेना संविधान के खिलाफ है और इसलिए एसोसिएशन के सदस्य असंवैधानिक शपथ से जुड़ना नहीं चाहते।

बता दें कि जस्टिस यशवंत वर्मा पर आरोप है कि जब वो दिल्ली हाईकोर्ट के जज थे, उस वक्त 14 मार्च 2025 को उनके आवास के आउटहाउस में लगी आग को बुझाने के दौरान बड़ी तादाद में जले करेंसी नोट बरामद हुए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने यशवंत वर्मा के खिलाफ जांच भी बिठाई है। जस्टिस वर्मा का कहना है कि ये एक साजिश है। वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने जस्टिस यशवंत वर्मा को दिल्ली से ट्रांसफर करने का पहले ही विरोध जताया था। बार एसोसिएशन ने अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस यशवंत वर्मा को शपथ दिलाने का विरोध किया है। हालांकि, जस्टिस वर्मा अगले आदेश तक कोई न्यायिक कार्य नहीं कर सकेंगे।