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Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद में एएसआई का सर्वे हो या नहीं इसका फैसला आज करेगा इलाहाबाद हाईकोर्ट, दोनों पक्षों की ये है दलील

हिंदू पक्ष का दावा है कि मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश पर 1669 में वाराणसी के प्राचीन आदि विश्वेश्वर मंदिर को गिराकर उसपर ज्ञानवापी मस्जिद बनाई गई। हिंदू पक्ष अपने इस दावे के पक्ष में मासिरी-ए-आलमगीरी किताब में लिखी बातों और औरंगजेब के लिखित आदेश का हवाला देता है। मुस्लिम पक्ष इससे इनकार करता है।

नई दिल्ली। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) की तरफ से वैज्ञानिक सर्वे पर रोक लगाने संबंधी अंजुमन इंतेजामिया कमेटी की अर्जी पर आज फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर इस मामले की सुनवाई सुबह 9.30 बजे से करेंगे। चीफ जस्टिस दिवाकर ने मुस्लिम पक्ष की तरफ से दाखिल अर्जी पर बीते कल भी करीब 1 घंटे सुनवाई की थी। इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने एएसआई का सर्वे रुकवाने के लिए तमाम दलीलें दी थीं। हालांकि, मुस्लिम पक्ष ने चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर के सवाल पर ये भी कहा था कि वो वैज्ञानिक सर्वे को गलत नहीं मानता। सुप्रीम कोर्ट ने आज शाम 5 बजे तक के लिए सर्वे पर रोक लगा रखी है। ऐसे में हाईकोर्ट को आज ही इस समय सीमा से पहले फैसला सुनाना होगा।

chief justice pritinker diwaker of allahabad high court
इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर।

मुस्लिम पक्ष के वकील एसएफए नकवी ने सर्वे के विरोध में कोर्ट में कल कहा था कि एक हफ्ते बाद एएसआई के लोग खोदाई कर सकते हैं। अगर खोदाई हुई, तो इससे देश में तनाव फैल सकता है। वहीं, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने चीफ जस्टिस को बताया था कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि एएसआई कोई खोदाई नहीं करने जा रहा। जैन ने कोर्ट में ये भी कहा था कि वाराणसी के जिला जज ने एएसआई से कहा है कि सर्वे के दौरान मस्जिद के ढांचे को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के सामने मुस्लिम पक्ष ने ये दलील भी दी कि मूल वाद में एएसआई पार्टी नहीं है। वहीं, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया था कि सुनवाई के दौरान एएसआई की तरफ से सॉलिसिटर जनरल जिला जज की कोर्ट में पेश हुए थे।

gyanvapi masjid and aurangzeb
हिंदू पक्ष का दावा है कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने आदि विश्वेश्वर का मंदिर तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद तामीर कराई।

हिंदू पक्ष का दावा है कि मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश पर 1669 में वाराणसी के प्राचीन आदि विश्वेश्वर मंदिर को गिराकर उसपर ज्ञानवापी मस्जिद बनाई गई। हिंदू पक्ष अपने इस दावे के पक्ष में मासिरी-ए-आलमगीरी किताब में लिखी बातों और औरंगजेब के लिखित आदेश का हवाला देता है। वहीं, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि किसी भी मंदिर को गिराकर ज्ञानवापी मस्जिद नहीं बनी है। चार हिंदू महिलाओं ने ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी की पूजा फिर से करने देने की अर्जी कोर्ट में दी थी। उसी अर्जी पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने एएसआई से वैज्ञानिक सर्वे कर बताने के लिए कहा है कि मस्जिद के ढांचे और परिसर में किसी प्राचीन हिंदू मंदिर के अवशेष हैं या नहीं। इस आदेश के खिलाफ ही मुस्लिम पक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट गया है।