
नई दिल्ली। संभल में स्थित शाही जामा मस्जिद में रंगाई-पुताई कराने की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इजाजत देने से इनकार कर दिया है। हालांकि अदालत ने मस्जिद की साफ सफाई पर कोई रोक नहीं लगाई है। अदालत का कहना है कि एएसआई की निगरानी में साफ सफाई कराई जा सकती है। मस्जिद कमेटी की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका में रमजान के माह से पहले शाही जामा मस्जिद में रंगाई-पुताई कराने की इजाजत मांगी गई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जज ने एएसआई से रिपोर्ट मांगी थी कि वो बताए मस्जिद में रंगाई पुताई की जरूरत है या नहीं।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद एएसआई की तीन सदस्यीय टीम गुरुवार को संभल पहुंची थी। इसके बाद एएसआई टीम ने शाही जामा मस्जिद का सर्वे किया था। आज सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी गई। रिपोर्ट के मुताबिक मस्जिद में फिलहाल रंगाई पुताई की जरूरत नहीं है। एएसआई की रिपोर्ट के आधार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रंगाई पुताई कराने की इजाजत नहीं दी। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया। जज ने मस्जिद कमेटी को एएसआई रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दर्ज कराने के लिए मंगलवार 4 मार्च तक का समय दिया है।
आपको बता दें कि संभल की इसी शाही जामा मस्जिद को लेकर विवाद चल रहा है। हिंदू पक्ष की ओर से पिछले साल संभल की अदालत में याचिका दायर कर कहा गया था कि जामा मस्जिद पूर्व में हरिहर मंदिर था। बाद में मुगल शासक ने मंदिर तोड़कर मस्जिद का निर्माण करा दिया। याचिका पर संभल अदालत ने जामा मस्जिद के एएसआई सर्वे का आदेश दिया था। जब एएसआई की टीम 24 नवम्बर को सर्वे के लिए पहुंची तो वहां के लोगों ने विरोध किया और देखते ही देखते हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 30 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए थे।