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Sri Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Mosque Case: मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद मामले में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट सुनाएगा अहम फैसला, मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष के मुकदमों पर लगाई है आपत्ति

Sri Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Mosque Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट आज मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के मसले पर दाखिल 15 याचिकाओं पर अहम फैसला करने वाला है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मयंक कुमार जैन ये फैसला देने वाले हैं कि मुकदमों की पोषणीयता है या नहीं।

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट आज मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के मसले पर दाखिल 15 याचिकाओं पर अहम फैसला करने वाला है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मयंक कुमार जैन ये फैसला देने वाले हैं कि मुकदमों की पोषणीयता है या नहीं। जस्टिस जैन ने 6 जून को श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष की आपत्ति वाली अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा था। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि हिंदू पक्ष की ओर से जो भी दावे किए गए हैं, वे पोषणीय नहीं हैं और शाही ईदगाह मस्जिद पर दावा नहीं किया जा सकता।

mathura mosque 1

हिंदू पक्ष का दावा है कि मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद को कटरा केशवदेव मंदिर की 13.37 एकड़ जमीन पर किया गया। हिंदू पक्ष ने दलील दी है कि इसी जगह भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था और उनके पौत्र वज्रनाभ ने विशाल मंदिर बनवाया था। हिंदू पक्ष की दलील है कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने कटरा केशवदेव मंदिर को गिराकर उसपर ही शाही ईदगाह मस्जिद तामीर कर दी। हिंदू पक्ष ने ये भी कहा है कि 1968 में मुस्लिम पक्ष से हुआ समझौता गैरकानूनी है और पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर को मिलनी चाहिए। हिंदू पक्ष ने ये भी कहा है कि शाही ईदगाह मस्जिद के भीतर प्राचीन हिंदू मंदिर के चिन्ह हैं।

वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि 1991 के प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के तहत हिंदू पक्ष की ओर से किए गए दावे पोषणीय नहीं हैं। मुस्लिम पक्ष ने समझौते के तहत 13.37 एकड़ जमीन शाही ईदगाह को मिलने की बात कही है। मुस्लिम पक्ष ने इसके अलावा लिमिटेशन एक्ट, वक्फ एक्ट और स्पेशल रिलीफ एक्ट का हवाला देकर भी हिंदू पक्ष की याचिकाओं का विरोध किया है। मुस्लिम पक्ष का ये भी कहना है कि मुकदमे से साफ है कि मस्जिद को 1669-1670 में बनाया गया। मुस्लिम पक्ष इससे इनकार करता है कि मस्जिद से पहले वहां कोई मंदिर था। जबकि, औरंगजेब के जमाने के इतिहासकारों का हवाला देते हुए हिंदू पक्ष ने कहा है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई। इस मामले में हिंदू पक्ष ने रेवेन्यू सर्वे की मांग भी की है। मई 2023 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह से जुड़े सभी केस अपने पास ट्रांसफर कर लिए थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एडवोकेट कमीशन से शाही ईदगाह परिसर के सर्वे का आदेश भी दिया था, लेकिन मुस्लिम पक्ष की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट कमीशन से सर्वे के आदेश पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसके बाद कहा था कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद मामले में पोषणीयता पर इलाहाबाद हाईकोर्ट फैसला करेगा।