प्रयागराज। मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मयंक कुमार जैन अहम फैसला सुनाने वाले हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल सभी याचिकाओं की एक साथ सुनवाई के खिलाफ रिकॉल अर्जी दी थी। मुस्लिम पक्ष की रिकॉल अर्जी पर जस्टिस मयंक कुमार जैन ने सुनवाई के बाद 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित कर लिया था। मुस्लिम पक्ष ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि के समर्थन में दाखिल सभी याचिकाओं की एक साथ सुनवाई के आदेश को वापस लेने की अपील की थी। अगर इलाहाबाद हाईकोर्ट मुस्लिम पक्ष की अर्जी को मंजूर कर लेता है, तो हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल अर्जियों पर एक-एक कर सुनवाई होगी और फिर मामला और लंबा खिंच सकता है।
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 11 जनवरी 2024 को फैसला सुनाया था कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद संबंधी विवाद में हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल सभी याचिकाओं की एक साथ सुनवाई होगी। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि हिंदू पक्ष की याचिकाओं में अलग-अलग मांग रखी गई है। ऐसे में एक साथ सुनवाई नहीं होनी चाहिए। मुस्लिम पक्ष ने ये दलील भी दी है कि पहले याचिकाओं की पोषणीयता पर फैसला हो, उससे पहले उनकी सुनवाई एक साथ नहीं की जा सकती। वहीं, हिंदू पक्ष का कहना है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में दाखिल सभी याचिकाओं में एक ही मांग की गई है कि जहां शाही ईदगाह है, वहां पहले भगवान श्रीकृष्ण का जन्मस्थान था। जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई। याचिकाओं में कहा गया है कि विवादित जगह फिर हिंदुओं को दी जाए।
मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस साल अगस्त में पोषणीयता पर मुस्लिम पक्ष की आपत्ति खारिज कर दी थी। साथ ही कोर्ट ने याचिकाओं की सुनवाई शुरू करने का फैसला भी किया था। अब सबकी नजर इस पर है कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से दाखिल रिकॉल अर्जी पर कोर्ट क्या फैसला लेता है। अगर मुस्लिम पक्ष की अर्जी खारिज होती है, और इलाहाबाद हाईकोर्ट सुनवाई शुरू करने का आदेश देता है, तो शाही ईदगाह मस्जिद का मसला सुप्रीम कोर्ट भी जा सकता है।