
नई दिल्ली। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अपने यहां खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप बिना सबूत के भारत पर मढ़ा था। अब अमेरिका ने खालिस्तानी आतंकी और सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने में भारत के एक अधिकारी और एक नागरिक निखिल गुप्ता उर्फ निक पर आरोप लगाया है। कोर्ट में न्यूयॉर्क के साउथ डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ने जो दस्तावेज और सबूत दिए हैं, उनमें निखिल गुप्ता का नाम है। खास बात ये है कि अमेरिका के कोर्ट में जो मुकदमा निखिल गुप्ता पर चलाया जा रहा है, उसमें पन्नू का नाम नहीं है और न ही उस भारतीय अफसर का ही नाम है, जिसपर पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। कोर्ट में दाखिल दस्तावेज में बताया गया है कि अमेरिकी सरकार के कहने पर निखिल गुप्ता को 30 जून 2023 के आसपास चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था और उसका प्रत्यर्पण होना है। खास बात ये है कि इसी साल 18 जून को कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की भी हत्या हुई थी और अमेरिका ने निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा के साथ खड़े होते हुए भारत पर दबाव बनाया था।
15 page US court details how the plan was to kill Khalistani extremist Pannu, names one Nikhil Gupta aka Nick who was recruited to “orchestrate assassination of victim”; Mentions how $15000 were arranged, pictures released in the court document. pic.twitter.com/nJPp0L4ueJ
— Sidhant Sibal (@sidhant) November 29, 2023
भारत के एक अफसर पर पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगने के बाद मोदी सरकार ने जांच बिठा रखी है। फिर भी बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि निज्जर की हत्या और अब पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपी निखिल गुप्ता की गिरफ्तारी 2023 के जून महीने में ही क्यों होती है? अगर भारत की एजेंसियां हत्या कराती होतीं, तो एक ही महीने में दो टारगेट तय नहीं करतीं। ताकि ज्यादा हो-हल्ला न मचे। सवाल ये भी है कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने तो निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों के हाथ का अब तक सबूत नहीं दिया और अमेरिका भी न तो आरोपपत्र में गुरपतवंत सिंह पन्नू का नाम ले रहा है और न ही दस्तावेज में उस भारतीय अफसर का नाम है, जिसपर पन्नू की हत्या की सुपारी देने का आरोप लगा रहा है। इस अफसर को ‘सीसी-1’ नाम दिया गया है।

अमेरिका के अटॉर्नी ने कोर्ट में ये दावा भी किया है कि निखिल गुप्ता ने भाड़े का हत्यारा मानकर अमेरिका के अंडरकवर एजेंट को हत्या करने के लिए 10000 डॉलर की तय रकम में से 15000 डॉलर की पहली किस्त दी। रकम देने का एक फोटो अदालत में दाखिल दस्तावेज के साथ जमा किया गया है, लेकिन इस फोटो में डॉलर के साथ दो हाथ ही दिख रहे हैं। निखिल गुप्ता का चेहरा इस फोटो में नहीं दिख रहा है। ऐसे में फिलहाल ये कैसे मान लिया जाए कि निखिल गुप्ता और भारत के एक अफसर ने पन्नू की हत्या की साजिश रची थी?