
नई दिल्ली। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ जारी तनातनी के बीच भारत लगातार अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ा रहा है। इसी कड़ी में अब भारतीय नौसेना के समुद्री फाइटर जेट मिग-29के को उत्तरी सेक्टर में तैनात करने का फैसला लिया गया है। नौसेना के पी-82 निगरानी विमान पहले ही पूर्वी लद्दाख सेक्टर में तैनात किए जा चुके हैं।
सरकारी सूत्रों ने कहा, ‘मिग-29के फाइटर एयरक्राफ्ट को उत्तरी सेक्टर में भारतीय नौसेना के बेस पर तैनात करने की योजना बनाई जा रही है। इनका इस्तेमाल पूर्वी लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अभियानों को अंजाम देने के लिए किया जा सकता है।’
Amid border row with China, Naval MiG-29K fighter aircraft to be deployed in Northern sector
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— ANI Digital (@ani_digital) July 21, 2020
भारतीय नौसेन चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ जारी विवाद के बीच एलएसी पर निगरानी रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। सीमा के आसपास चीनी गतिविधियों पर नजर रखने में नौसेना के विमानों की मदद ली जा रही है। 2017 में डोकलाम में हुए विवाद के वक्त भी नौसेना के निगरानी विमानों का जमकर इस्तेमाल किया गया था।
भारतीय नौसेना के पास 40 से ज्यादा मिग-29के युद्धक विमानों का एक बेड़ा है जो विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात हैं। ये गोवा में नौसेना का फाइटर बेस आईएनएस हंस से नियमति उड़ान भरते हैं। भारतीय नौसेना ने एक दशक पहले ये विमान रूस से खरीदे थे।