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Punjab: ‘जैसा हश्र इंदिरा गांधी का किया था, वैसा ही अमित शाह का भी…’, खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह ने उगला जहर

अमृतपाल सिंह बाद में अपने बयान से यू टर्न ले लिया है। उन्होंने कहा कि मैंने अमित शाह के बारे में किसी भी प्रकार के धमकीभरे शब्द इस्तेमाल नहीं किए हैं, बल्कि इसके उलट शाह विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर मुझे ही मरवाना चाहते हैं।

नई दिल्ली। पंजाब दे वारिस और खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धमकी देते हुए कहा कि अगर उन्होंने खालिस्तानी आंदोलन को रोकने की कोशिश की तो उनका भी वही हाल होगा, जो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का हुआ था।  अमृतपाल सिंह ने यह धमकी शाह के उस बयान के जवाब में दिया है जिसमें उन्होंने बीते दिनों  पंजाब में एक जनसभा को संबोधित करने के क्रम में खालिस्तानी  तत्वों को जड़ से खत्म करने की बात कही थी और यह भी कहा कि सरकार की नजर इन सभी तत्वों पर बनी हुई है। अब इसी के जवाब में अमृतपाल ने धमकी भरा लहजा शाह के लिए इस्तेमाल किया है।

अमृतपाल सिंह ने लिया यूटर्न

उधर, अमृतपाल सिंह बाद में अपने बयान से यू टर्न ले लिया है। उन्होंने कहा कि मैंने अमित शाह के बारे में किसी भी प्रकार के धमकीभरे शब्द इस्तेमाल नहीं किए हैं, बल्कि इसके उलट शाह विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर मुझे ही मरवाना चाहते हैं। अमृतपाल ने खालिस्तानी आंदोलन के संदर्भ में कहा कि हम कुछ  गलत नहीं कर रहे हैं, हम सिर्फ और सिर्फ अपना ही राज मांग रहे हैं। अमृतपाल ने अमित शाह को धमकीभरे लहजे में कहा कि आज की तारीख में पंजाब का बच्चा-बच्चा खालिस्तान  की बात करता है।

आखिर क्या है वारिस पंजाब दे संगठन

आपको बता दें  कि वारिस पंजाब दे संगठन की स्थापना  दीप सिद्धू ने की थी। 2021में किसान आंदोलन के दौरान लाल किले  की प्राचीर पर हुई हिंसा का जिम्मेदार कोई और नहीं, बल्कि दीप  सिद्धू ही था। जिसकी बीते साल फरवरी  में कार दुर्घटना के दौरान मौत हो गई थी। दुर्घटना का वीडियो भी सामने आया था। ध्यान रहे कि पंजाब दे वारिस संगठम का  मुख्य उद्देश्य खालिस्तानी जमीन की मांग करना है , जिसे लेकर वर्तमान में अमृतपास सिंह के नेतृत्व में आंदोलन शुरू किया गया है। आज यह आंदोलन हिंसक भी हो गया। समर्थकों ने  पुलिस थाने का घेराव किया और आंदोलन में शामिल निहंगों ने पुलिसकर्मियों पर भी पथराव करने से गुरेज नहीं किया। इस हिंसक  आंदोलन की गिरफ्त में आकर  6  पुलिसकर्मियों के घायल होने की पुष्टि की जा चुकी है, लेकिन अभी तक इस संदर्भ में अधिकृत रूप से कुछ भी कह पाना मुश्किल है।