नई दिल्ली। वारिस पंजाब दे संगठन का चीफ और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के बारे में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। हिंदी अखबार ‘अमर उजाला’ के मुताबिक अमृतपाल सिंह मानव बम यानी फिदायीन बनाने की कोशिश में जुटा था। अखबार की खबर के मुताबिक युवाओं को आत्मघाती हमले करने के लिए उनका ब्रेनवॉश कर रहा था। साथ ही अपने संगठन के लिए हथियार जमा करने की तैयारी में भी जुटा था। इन सब काम के लिए वो एक धार्मिक स्थल और नशामुक्ति केंद्रों का इस्तेमाल कर रहा था। पंजाब पुलिस पहले ही कह चुकी है कि अमृतपाल सिंह का कनेक्शन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से है।
अमर उजाला की खबर के मुताबिक खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों ने एक डोजियर तैयार किया है। इस डोजियर में दावा किया गया है कि अमृतपाल सिंह पिछले साल दुबई में आईएसआई के संपर्क में आया। उससे खालिस्तान समर्थकों ने भी संपर्क किया था। आईएसआई के इशारे पर ही वो सितंबर 2022 में भारत लौटा था। भारत लौटने से पहले अमृतपाल सिंह दुबई में ट्रक चलाता रहा था। भारत लौटने के बाद उसने पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू के संगठन वारिस पंजाब दे के प्रमुख के तौर पर काम शुरू कर दिया था। दीप सिद्धू की एक एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। दीप सिद्धू किसान आंदोलन से भी जुड़ा हुआ था।
अखबार के मुताबिक खुफिया एजेंसियों का दावा है कि भारत लौटने के बाद अमृतपाल सिंह युवाओं का ब्रेनवॉश कर उनको मानव बम की तरह इस्तेमाल करने की तैयारी में था। नशामुक्ति केंद्रों में जो युवा भर्ती थे, उनको वो मानव बम बनाने की तैयारी में जुटा था। इन युवाओं को बहला-फुसलाकर और लालच देकर खाड़कू बनाने की कोशिश अमृतपाल सिंह कर रहा था। इन युवाओं को मानव बम बनकर पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या करने वाले दिलावर सिंह का उदाहरण दिया जा रहा था। युवाओं से कहा जा रहा था कि वे दिलावर सिंह का रास्ता चुनें और खाड़कू (आतंकी) बन जाएं।