
नई दिल्ली। गाजियाबाद के एक स्लॉटर हाउस में नाबालिग बच्चों से पशुओं को कटवाने का काम कराया जा रहा था। राष्ट्रीय अधिकार संरक्षण आयोग की शिकायत के बाद गाजियाबाद पुलिस ने बूचड़खाने से 57 नाबालिग बच्चों को छुड़ाया है। इनमें 26 लड़के और 31 लड़कियां हैं। इन नाबालिग बच्चों को 10 से 15 हजार रुपए की नौकरी का लालच देकर इन्हें यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल से यहां पर लाया गया था। गाजियाबाद के मसूरी इलाके में इंटरनेशनल एग्रो फूड नाम के इस स्लॉटर हाउस में इन नाबालिग बच्चों को 300 रुपए दिहाड़ी पर अवैध तरीके से काम पर रखा गया था। इस स्लॉटर हाउस के मालिक का नाम यासीन कुरैशी बताया जा रहा है। इस मामले में लेबर एक्ट और आईपीसी की धाराओं में कार्रवाई की जा रही है।
गाजियाबाद के एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने इस पूरे मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि नई दिल्ली में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को शिकायत मिली थी कि पश्चिम बंगाल और बिहार के 40 बच्चों को गाजियाबाद के एक बूचड़खाने में अवैध रूप से काम पर रखा जा रहा है। इस शिकायत के संज्ञान में आते ही गाजियाबाद कमिश्नर द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस की एक टीम का गठन किया गया। आज सभी टीमों के साथ डासना मसूरी में स्थित एग्रो इंटरनेशनल फूड बूचड़खाने में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें 57 बच्चों को वहां से रेस्क्यू किया गया।
Watch: “The National Commission for Protection of Child Rights in New Delhi received a complaint that 40 children from West Bengal and Bihar were being illegally employed in a slaughterhouse in Ghaziabad. Taking action, a team was formed by the Ghaziabad Commissioner, and today,… pic.twitter.com/vDW1WF8tIi
— IANS (@ians_india) May 29, 2024
पुलिस के मुताबिक जब रेस्क्यू टीम वहां पहुंची तो अंदर का नजारा देखकर दंग रह गई। नाबालिगों से बड़े ही अमानवीय तरीके से काम कराया जा रहा था। रेस्क्यू ऑपरेशन की ये कार्रवाई करीब तीन घंटे तक चली। पुलिस के अनुसार अब इन सभी बच्चों का मेडिकल कराया जाएगा और इसके बाद इन सभी नाबालिगों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्लूसी) के समक्ष पेश किया जाएगा। इस बूचड़खाने में पशुओं का कटान करके उसकी पैकेजिंग की जाती है, जिसे बाद में विदेशों में सप्लाई किया जाता है।