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Tehreek-e-Hurriyat, J&K: आतंकवाद के खिलाफ मोदी सरकार का एक और प्रहार, ‘तहरीक-ए-हुर्रियत’, जम्मू-कश्मीर को किया गैरकानूनी घोषित

Tehreek-e-Hurriyat, J&K: आतंकवाद के खिलाफ केंद्र की मोदी सरकार की कार्रवाई जा रही है। इसी बीच खबर है कि ‘तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू-कश्मीर को यूएपीए के तहत एक ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित कर दिया गया है।

नई दिल्ली। आतंकवाद के खिलाफ केंद्र की मोदी सरकार की कार्रवाई जारी है। इसी बीच खबर है कि ‘तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू-कश्मीर को यूएपीए के तहत एक ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित कर दिया गया है। इस संदर्भ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने ट्विटर हैंडल पर जानकारी देते हुए कहा कि, ‘ यह संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने की निषिद्ध गतिविधियों में शामिल है। यह समूह जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए भारत विरोधी प्रचार फैला रहा है और आतंकवादी गतिविधियां जारी रख रहा है।

वहीं, अमित शाह ने आगे कहा कि, ‘पीएम नरेंद्र मोदी आतंकवाद के खिलाफ जी की जीरो-टॉलरेंस नीति के तहत, भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन को तुरंत विफल कर दिया जाएगा।

केंद्र सरकार ने क्यों की ऐसी कार्रवाई ?

दरअसल, यह संगठन लगातार जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। इतना ही नहीं, सेना की कार्रवाई के दौरान मारे जाने के बाद आतंकियों को बाकायदा श्रद्धांजलि भी अपर्ति करते हैं। यही नहीं, इस संगठन से जुड़े लोग कश्मीर को ना भारत का हिस्सा मानते हैं और ना ही सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों का पालन करते हैं। इस संगठन से जुड़ने के बाद लोगों में भारत के खिलाफ जहर भरा जाता है, ताकि वो इस देश के खिलाफ हथियार उठा सकें, जिसे ध्यान में रखते हुए अब केंद्र की मोदी सरकार ने इस संगठन के खिलाफ यह कार्रवाई की है।

बता दें कि बीते 27 दिसंबर को केंद्र की मोदी सरकार ने यूएपीए के तहत मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर ( मसरत आलम ग्रुप) पर प्रतिबंध लगाया था। गृह मंत्रालय ने आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में इस संगठन पर आगामी पांच सालों के लिए प्रतिबंध लगाया है। इस संगठन पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था, जिसे ध्यान में रखते हुए यह कार्रवाई की गई।

क्या है होता प्रतिबंध का मतलब ?

ध्यान दें, जब गृह मंत्रालय की ओर से आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में किसी संगठन को प्रतिबंधित कर दिया जाता है, तो उससे जुड़े लोगों का अपराधीकरण कर दिया जाता है। इतना ही नहीं, उस संगठन से जुड़े लोगों की संपत्ति की भी जब्ती कर दी जाती है। अब तक केंद्र सरकार की ओर से 43 संगठनों को प्रतिबंधित किया जा चुका है। अब ऐसे में आगामी दिनों में केंद्र सरकार की सुरक्षा के मोर्चे पर क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।