Bihar: घनघोर महिला विरोधी को नीतीश कुमार ने बनाया मंत्री, संसद में फाड़ दिया था आरक्षण पर बिल
सुरेंद्र यादव की छवि दबंग की ही है। दो बार जनता दल और 5 बार लालू यादव की पार्टी आरजेडी से वो विधायक रहे हैं। लालू और उनके बेटे तेजस्वी के खास सुरेंद्र यादव 1959 में जन्मे थे। वो साल 1981 में लालू यादव के करीबी बने। 1991 में सुरेंद्र यादव उस वक्त भी चर्चा में रहे, जब उनपर लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व विधायक जयकुमार पालित को पीटने का आरोप लगा।
पटना। बिहार में नीतीश कुमार सरकार में मंगलवार को 31 नए मंत्रियों को भी शामिल किया गया। इन मंत्रियों में आरजेडी के सुरेंद्र यादव का भी नाम है। वो गया के बेलागंज सीट से 8 बार विधायक और एक बार साल 1998 में सांसद भी रहे हैं। खास बात ये है कि सुरेंद्र यादव को घनघोर महिला विरोधी होने का खिताब सियासत में लोग देते हैं। इसकी वजह ये है कि उन्होंने केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार के दौरान संसद में तब डिप्टी पीएम रहे लालकृष्ण आडवाणी से महिला आरक्षण बिल की कॉपी छीनकर फाड़ दी थी। आडवाणी ने उस बिल को पास कराने के लिए संसद में पेश किया था।
वैसे सुरेंद्र यादव की छवि दबंग की ही है। दो बार जनता दल और 5 बार लालू यादव की पार्टी आरजेडी से वो विधायक रहे हैं। लालू और उनके बेटे तेजस्वी के खास सुरेंद्र यादव 1959 में जन्मे थे। वो साल 1981 में लालू यादव के करीबी बने। लालू ने उनको जनता दल के दौरान 1985 में जहानाबाद लोकसभा सीट का टिकट दिया, लेकिन सुरेंद्र यादव उस चुनाव में हार गए। इसके बाद 1990 में बेलागंज सीट से विधायक बने। 1991 में सुरेंद्र यादव उस वक्त भी चर्चा में रहे, जब उनपर लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व विधायक जयकुमार पालित को पीटने का आरोप लगा।
सुरेंद्र यादव इसके बाद 1998 में जहानाबाद लोकसभा सीट से सांसद भी रहे। बतौर सांसद सिर्फ 13 महीने का सुरेंद्र का कार्यकाल रहा। उसी दौरान आडवाणी के हाथ से महिला आरक्षण बिल की कॉपी छीनकर फाड़ देने की घटना हुई और इससे सुरेंद्र काफी चर्चा में रहे। बता दें कि संसद में आज तक कोई भी सरकार महिला आरक्षण बिल पास नहीं करा सकी है। एनडीए के दौरान सपा और आरजेडी जैसी पार्टियों ने बिल पास नहीं होने दिया। इन्हीं पार्टियों ने यूपीए सरकार को समर्थन देने के बाद भी महिला आरक्षण पर कांग्रेस के रुख का विरोध करते हुए इस बिल को संसद में पेश तक नहीं होने दिया था।