नई दिल्ली। कोविड-19 एंडेमिक बनने के कगार पर है और वैज्ञानिक नए वेरिएंट्स के प्रति नजर रख रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कोविड वैक्सीन के सम्बंध में एक घोषणा की है। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से वैक्सीन से हार्ट अटैक के दावे को खारिज किया गया है। उन्होंने ये भी कहा कि वैक्सीन बनाते समय हमने स्वास्थ्य से जुड़े सभी अंतर्राष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखा था। इसके आलावा वैक्सीन के निर्माण में तेजी को लाने के लिए वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नवीनतम तकनीक का उपयोग किया था। इससे पहले वैक्सीन के अप्रूवल में बेहद समय लगता था। लेकिन अभी भी इस महामारी के नए वैरिएंट्स को लेकर लगातार शोध जारी है, इसी के चलते भारत सरकार हाई अलर्ट को जारी रख रही है।
हाल ही में कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया था कि कोविड की वैक्सीन को जल्दबाजी में भारत में अप्रूवल मिल गया था जिसके कारण इसके साइड इफेक्ट्स का ठीक ढंग से परीक्षण नहीं हो सका। यही वजह है कि बीते 2 सालों के भीतर देश में हार्ट अटैक के मामलों में अचानक बेहद वृद्धि देखी गई है। बुजुर्गों, युवाओं से लेकर बच्चों तक को हार्ट अटैक आ रहे हैं। इसके दुष्प्रभाव लॉन्ग टर्म में अब नजर आ रहे हैं। ऐसी खबरें कई मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आई थीं।
स्वास्थ्य मंत्री ने ये भी जानकारी दी कि शुरुआत से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतराष्ट्रीय वैज्ञानिक तरीकों और मानदंडों का पालन करते हुए कोविड प्रबंधन और वैक्सीन अभियान पर ध्यान केंद्रित रखा था। इसमें किसी भी तरह की कोताही या लापरवाही को नहीं बरता गया। पूरी प्रक्रिया को तेजी से अंजाम देने के लिए नवीनतम तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया गया। इसके साथ ही आपको ये भी बता दें कि इन मीडिया रिपोर्ट्स में किए जा रहे दावों पर अब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कार्डियक अरेस्ट के कारण होने वाली मौतों में अचानक बढ़ोतरी और कोविड-19 वैक्सीन के बीच संभावित लिंक को लेकर स्टडी की है जो अगले दो हफ्तों में सामने आ सकती है। देखना होगा कि आगे क्या वजह सामने आती है जिससे इतने बड़े स्तर पर कार्डिएक अरेस्ट की घटनाएं हो रही हैं।