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Congress: आप गांधी परिवार के रिमोट कंट्रोल हैं? ये सवाल पूछते ही खड़गे ने किया राहुल-सोनिया का बचाव, कहा- शर्म… !

उधर, अब रिमोट कंट्रोल वाले सवाल को लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि देखिए बात जहां तक रिमोट कंट्रोल की है, तो मैं यहां एक बात कहना चाहूंगा कि अगर मुझे पार्टी हित के लिए कुछ फैसले लेने से पूर्व गांधी परिवार से इजाजत लेनी होगी, तो मुझे कोई हर्ज नहीं है, चूंकि उन्होंने पार्टी के लिए लंबा संघर्ष किया है।

नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए आगामी 17 अक्टूबर को चुनाव प्रस्तावित हैं। बतौर उम्मीदवार शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे को मैदान में उतारा गया है। नामांकन दाखिल किए जा चुके हैं, लेकिन चुनाव प्रक्रियाओं के संपन्न होने से पूर्व खड़गे को लेकर कहा जा रहा है कि वह गांधी परिवार के रिमोट कंट्रोल हैं। कहा जा रहा है कि जब वे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्य़क्ष पद के लिए निर्वाचित हो जाएंगे तो वे अपने विवेक आधार पर नहीं अपितु गांधी परिवार के इशारों पर काम करेंगे और रही बात चुनाव की तो यह सिर्फ और सिर्फ दिखावटी चुनाव है। यह एक लोकतांत्रिक चुनाव नहीं है। सियासी गलियारों में यह भी चर्चा है कि खड़गे गांधी परिवार के चहेते हैं, लिहाजा उनका चुनाव जीतना तय है और अगर उनके प्रतिद्विंदी शशि थरूर की बात करें तो वो पूर्व में जी-23 के सदस्य भी रह चुके हैं।

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कई मौकों पर पार्टी की नीतियों की मुखालफत भी कर चुके हैं। ऐसे में गांधी परिवार की ओर से उनके प्रति नाराजगी लाजिमी होगी। ऐसे में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए प्रस्तावित चुनाव ढोंग के इतर कुछ नहीं है। ध्यान रहे कि बीते दिनों शशि थरूर ने भी भी इसे लेकर अपना दर्द बयां किया था। उन्होंने कहा था कि मल्लिकार्जुन खड़गे के स्वागत में पार्टी के सभी नेता व कार्यकर्ता खड़े हो जाते हैं, लेकिन उनके स्वागत में पार्टी का कोई भी नेता खड़ा होने तक की जहमत नहीं उठाता है। यहां तक उनकी चुनावी गतिविधियों के बारे में भी किसी को कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर वे पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित होते हैं , तो पार्टी के हित में कदम उठाने की दिशा में किसी भी प्रकार का गुरेज नहीं करेंगे। पार्टी की नीतियां हमेशा उनके लिए सर्वोच्च पर रहेंगी।

उधर, अब रिमोट कंट्रोल वाले सवाल को लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि देखिए बात जहां तक रिमोट कंट्रोल की है, तो मैं यहां एक बात कहना चाहूंगा कि अगर मुझे पार्टी हित के लिए कुछ फैसले लेने से पूर्व गांधी परिवार से इजाजत लेनी होगी, तो मुझे कोई हर्ज नहीं है, चूंकि उन्होंने पार्टी के लिए लंबा संघर्ष किया है। खड़गे ने कहा कि राहुल– सोनिया मेरे लिए मार्गदर्शक हैं। सोनिया से लेकर राहुल गांधी तक पार्टी की कमान संभाल चुके हैं और उन्होंने पार्टी के हित में अपना संपूर्ण जीवन न्योछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार ने देश की आजादी में बड़ा योगदान दिया है, जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता है। बता दें कि बीते कई दिनों रिमोट कंट्रोल को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गुलजार था। अब ऐसी स्थिति में खड़गे के उपरोक्त बयान को मुख्तलिफ चश्मों से देखा जा रहा है। अब ऐसी स्थिति में बतौर पाठक आपका खड़गे के बयान पर क्या कुछ कहना है। आप हमें कमेंट कर बताना बिल्कुल भी मत भूलिएगा।

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लेकिन, उससे पहले आप यह लीजिए कि बीते लोकसभा चुनावी में करारी शिकस्त झेलने के बाद राहुल गांधी ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया था कि अब कांग्रेस की कमान गैर-गांधी परिवार के सदस्य को ही सौंपी जाएगी। हालांकि, इस बीच राहुल गांधी को पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा मनाने की पूरी कोशिश की गई थी। लेकिन राहुल अपने बात पर अटल बने रहे और साफ कर दिया कि अब अगर कांग्रेस की कमान किसी को सौंपी जाएगी तो वो गैर-गांधी परिवार का सदस्य ही होगा। अब ऐसे में जब कांग्रेस में चुनावी बिगुल बज चुका है, और मुख्य मुकाबला थरूर और खड़गे के बीच है, तो ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी की कमान किसके हाथों में आती है। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम