
नई दिल्ली। रिपब्लिक ग्रुप के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को जमानत के मामले में शनिवार को भी राहत नहीं मिली। फिलहाल अभी उन्हें जेल में ही रहना पड़ेगा। बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट में अर्नब की जमानत अर्जी पर शनिवार को 6 घंटे सुनवाई की, इसके बाद कोर्ट ने उनकी जमानत पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। हालांकि फैसला सुनाने के लिए अदालत ने अर्नब को कई तारीख नहीं दी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सिर्फ इतना कहा कि जल्द फैसला सुनाएंगे। इसके अलावा बाम्बे हाईकोर्ट ने अर्नब को ये भी छूट दी कि वे चाहें तो लोअर कोर्ट में पिटीशन फाइल कर सकते हैं। हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट को निर्देश दिए कि अर्नब पिटीशन लगाएं तो 4 दिन में फैसला दे दिया जाए। इससे पहले अर्नब के वकील ने हाईकोर्ट में सप्लीमेंट्री एप्लिकेशन लगाई। इसमें अर्नब ने खुद के साथ हुए पुलिस के बर्ताव को लेकर दावा किया कि पुलिस ने उन्हें जूते से मारा। पानी तक नहीं पीने दिया।
अर्नब ने अपने हाथ में 6 इंच गहरा घाव होने, रीढ़ की हड्डी और नस में चोट होने का दावा भी किया है। उनका कहना है कि पुलिस ने गिरफ्तारी के वक्त जूते पहनने तक का समय नहीं दिया। बता दें कि अर्नब को मुंबई के इंटीरियर डिजाइनर अन्वय और उनकी मां को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में बुधवार को गिरफ्तार किया गया था। यह मामला 2018 का है। अर्नब को 18 नवंबर तक ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा गया है।
फिलहाल कोरोना के खतरे को देखते हुए जमानत अर्जी पर फैसले से पहले उन्हें जेल नहीं भेजा गया। पिछली 3 रातों में उन्हें अलीबाग के एक स्कूल में बने कोविड सेंटर में रखा गया था।