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Ramesh Bidhuri: ‘यह तो मुसलमानों के प्रति नफरत की इंतिहा है…’, BJP नेता रमेश बिधूड़ी के बयान पर भड़के अरशद मदनी

Ramesh Bidhuri: आज बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने अपने साथी सांसद बिधूड़ी की बेहूदगी का बचाव किया है। निशिकांत ने अपने पत्र में लिखा है कि इस बात में कोई दो मत नहीं है कि बिधूड़ी द्वारा लोकसभा में दिया गया बयान अति निंदनीय है, जिसका जितनी आलोचना की जानी चाहिए, वो कम है, लेकिन हमें यह भी गौर करने वाला होगा कि दानिश अली ने भी लोकसभा के नियमों को ताक रखा है, लिहाजा इसकी भी जांच होनी चाहिए।

नई दिल्ली। दक्षिणी दिल्ली से बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी के विवादित बयान को लेकर शुरू हुआ सियासी बवाल अब दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल बीजेपी से बिधूड़ी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रही है। हालांकि, बीजेपी बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिनों के दरम्यान जवाब तलब करने का फरमान सुना चुकी है, लेकिन विपक्षी दल इसे पर्याप्त कार्रवाई नहीं बता रहे हैं। वहीं, बिधूड़ी की इस बेहूदगी की वजह से सदन में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी मांफी मांगनी पड़ी। उधर, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बिधूड़ी को स्पष्ट कह दिया कि अगर दोबारा से उन्होंने इस तरह की हरकत की, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बहरहाल, बिधूड़ी के बयान की चौतरफा आलोचना हो रही है। वहीं, अब इस पूरे मसले पर अरशद मदनी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। आइए, आगे कि रिपोर्ट में आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है?

बता दें कि अरशद मदनी ने पूरे मसले पर ट्वीट कर कहा कि, यह तो मुसलमानों के प्रति नफरत की इंतहा है पार्लियामेंट में संसद के सदस्य @KDanishAli के खिलाफ ऐसी असंसदीय भाषा का प्रयोग और इस पर कोई कार्रवाई न होना बेहद दुखद है। देश की लोकतांत्रिक इतिहास में यह पहली शर्मनाक घटना है। तुरंत कानूनी कार्रवाई करना स्पीकर की ज़िम्मेदारी है। वहीं, उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि अरशद मदनी मुस्लिमों से जुड़े मसलों को लेकर मीडिया के सामने खुलकर अपनी राय साझा करते हैं।

उधर, आज बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने अपने साथी सांसद बिधूड़ी की बेहूदगी का बचाव किया है। निशिकांत ने अपने पत्र में लिखा है कि इस बात में कोई दो मत नहीं है कि बिधूड़ी द्वारा लोकसभा में दिया गया बयान अति निंदनीय है, उसकी जितनी आलोचना की जानी चाहिए, वो कम है, लेकिन हमें यह भी गौर करने वाला होगा कि दानिश अली ने भी लोकसभा के नियमों को ताक पर रखा है, लिहाजा इसकी भी जांच होनी चाहिए। बहरहाल, अभी इस पूरे मसले को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच जमकर वार- प्रतिवार का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।