नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बीते दिनों आरोप लगाया था कि बीजेपी ने उनके 7 विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश की। केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने आम आदमी पार्टी विधायकों को 25-25 करोड़ रुपए का लालच भी दिया। इस मामले में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी ने शिकायत की थी। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल ने झूठ बोला। इसके बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार और शनिवार को काफी देर की मशक्कत के बाद केजरीवाल को नोटिस दिया और 3 दिन में अपने आरोपों के सबूत देने के लिए कहा है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अरविंद केजरीवाल से उन विधायकों का नाम मांगा है, जिनकी कथित तौर पर बीजेपी की ओर से खरीद-फरोख्त की कोशिश की गई।
अब अरविंद केजरीवाल को दिल्ली पुलिस के इस नोटिस का जवाब देना होगा और 3 दिन में विधायकों की खरीद-फरोख्त के सबूत देने होंगे। अगर पुलिस को सबूत झूठे लगते हैं, तो वो अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 191 के तहत केस कर सकती है। आईपीसी की धारा 191 के तहत 7 साल की कैद और जुर्माने का प्रावधान है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल को अब दिल्ली पुलिस को विधायकों की खरीद-फरोख्त की बीजेपी की कथित कोशिश के बारे में पुख्ता सबूत देने होंगे। शनिवार को जब दिल्ली पुलिस ने नोटिस तामील कराई, तो केजरीवाल ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि उनको पुलिस अफसरों से सहानुभूति है और दिल्ली पुलिस को नाटक में शामिल किया जा रहा है। हालांकि, उन्होंने ये नहीं बताया कि नोटिस के जवाब में दिल्ली पुलिस को वो सबूत देंगे या नहीं।
अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दूसरी तरफ ईडी ने भी कोर्ट का सहारा ले लिया है। 5 बार समन जारी करने के बाद भी शराब घोटाला मामले में पूछताछ के लिए केजरीवाल अब तक ईडी के सामने पेश नहीं हुए हैं। इसी को ईडी ने कोर्ट में आधार बनाया है। कोर्ट ने ईडी की कुछ दलीलों को सुना है। अब अगली सुनवाई 6 फरवरी को है। ऐसे में शराब घोटाला मामले में भी अरविंद केजरीवाल की मुश्किल बढ़ सकती है। इस मामले में केजरीवाल लगातार कहते रहे हैं कि ईडी के समन राजनीति से प्रेरित हैं।