मुंबई। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर हिंदू-मुस्लिम का कार्ड खेला। इस कार्ड को खेलते वक्त उनके बोल भी बिगड़े। मुंबई में रविवार को एक जनसभा में ओवैसी ने कहा कि बीजेपी और नरेंद्र मोदी की सरकार ने गौरक्षकों के नाम पर आतंकवादियों को पैदा किया है। ये लोग जिनके सिर पर टोपी और चेहरे पर दाढ़ी दिखती है, उनको मारते-पीटते और बेइज्जत करते हैं। ओवैसी ने कहा कि जो लोग हमारा गला काटना चाहते हैं वे वक्त और जगह बताएं। हम गला कटाएंगे, तो शहीद कहलाएंगे न कि मरा हुआ कहलाए जाएंगे।
ओवैसी ने जनसभा में कांग्रेस और शिवसेना को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान से जुनैद और नासिर को ले जाकर हरियाणा में मार दिया जाता है। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। अगर सरकारी तंत्र सक्रिय होता, तो दोनों को राजस्थान का बॉर्डर पार नहीं कराया जा सकता था। उन्होंने इस्लाम के बारे में बाबा रामदेव के बयान का भी उदाहरण दिया। ओवैसी ने कहा कि रामदेव ने राजस्थान जाकर बयान दिया और चले गए। वहां की कांग्रेस सरकार ने किसी तरह की एफआईआर बाबा रामदेव करने की जहमत नहीं उठाई। ओवैसी ने इसके अलावा और भी निशाना साधा।
असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस के साथ ही उद्धव ठाकरे को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि हमें वोट काटने वाला कहा जाता है, लेकिन जिन उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र असेंबली में खुद खड़े होकर एलान किया कि उनकी पार्टी के लोगों ने बाबरी मस्जिद गिराई है, उनके साथ आखिर कांग्रेस क्यों आई। उन्होंने उद्धव ठाकरे के उस बयान पर भी निशाना साधा कि वो सेकुलर हैं। ओवैसी ने इसके अलावा जनसभा में कई और बातें भी कहीं। बता दें कि ओवैसी लगातार हिंदू-मुस्लिम एजेंडा पर सियासत करते हैं। उनके हर बयान में इस तरह की बातें होती हैं।