गुवाहाटी। असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने खतरे की घंटी बजा दी है। हिमंत बिस्व सरमा का कहना है कि असम के रास्ते घुसपैठिए देश के अलग-अलग राज्यों में जा रहे हैं। मीडिया से बात करते हुए हिमंत ने कहा कि असम को ट्रांजिट रूट के तौर पर घुसपैठिए इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा का ये बयान काफी अहम है, क्योंकि बांग्लादेश और म्यांमार की सीमाएं पूर्वोत्तर के राज्यों से मिली हुई हैं। असम में अवैध रूप से घुसपैठ करने वाले रोहिंग्या के खिलाफ अभियान भी तेज है। इस साल जुलाई तक असम में 350 से ज्यादा रोहिंग्या पकड़े जा चुके हैं।
”असम के रास्ते बिना पासपोर्ट के दिल्ली पहुंच रहे रोहिंग्या”
◆ असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का बयान @himantabiswa | Himanta Biswa Sarma pic.twitter.com/UBLozWpt70
— News24 (@news24tvchannel) July 30, 2023
पूर्वोत्तर के ही एक अन्य राज्य त्रिपुरा में भी सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार ने पुलिस और अन्य एजेंसियों को घुसपैठ करने वाले रोहिंग्या को पकड़ने का आदेश दिया है। वहीं, पूर्वोत्तर के एक और राज्य मणिपुर में जारी हिंसा के बीच म्यांमार से घुसपैठिए आ रहे हैं। बीते दिनों ही मणिपुर में म्यांमार के 750 से ज्यादा नागरिक पहुंचे। केंद्र सरकार ने अब म्यांमार से आए घुसपैठियों को डिटेंशन सेंटर में रखने और इन सबकी बायोमीट्रिक जांच के आदेश दिए हैं।
रोहिंग्या की बात करें, तो देश के तमाम राज्यों में ये फैल चुके हैं। म्यांमार से बांग्लादेश होते हुए ये पूर्वोत्तर और समुद्र के रास्ते दाखिल होते हैं। यूपी में बीते दिनों पुलिस ने कई रोहिंग्या को पकड़ा है। जम्मू-कश्मीर में भी सैकड़ों रोहिंग्या को पकड़कर डिटेंशन सेंटर में रखा गया है। केंद्र की मोदी सरकार इन रोहिंग्या को वापस भेजने के लिए कई बार बांग्लादेश और म्यांमार से बात कर चुकी है। वहीं, रोहिंग्या को शरण देने संबंधी एक अर्जी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का इंतजार कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने घुसपैठ करने वाले रोहिंग्या के खिलाफ अगले आदेश तक प्रत्यर्पण की कार्रवाई न करने के निर्देश पहले सुनवाई के दौरान दिए थे।