नई दिल्ली। जौनपुर से पूर्व सांसद और बाहुबली धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने धनंजय सिंह की जमानत अर्जी को स्वीकार कर लिया, हालांकि उन्हें झटका देते हुए अदालत ने उनकी सात साल की सजा को बरकरार रखा है। सजा पर रोक की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। अब इसका मतलब ये हुआ कि धनंजय सिंह जेल से बाहर तो आ जाएंगे लेकिन चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इससे पहले आज ही धनंजय सिंह को जौनपुर जेल से बरेली जेल शिफ्ट किया गया है।
जौनपुर से धनंजय सिंह को बरेली सेंट्रल जेल ट्रांसफर किया गया।
भारी संख्या में पुलिस फोर्स के साथ धनंजय सिंह को #जौनपुर से बरेली जेल ले जाया गया। pic.twitter.com/IEIyCx8BRv
— Mamta Tripathi (@MamtaTripathi80) April 27, 2024
आपको बता दें कि धनंजय सिंह को अपहरण और रंगदारी के एक मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सात साल कैद की सजा सुनाई थी। धनंजय ने सजा पर रोक की मांग करते हुए जमानत की अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट में लगाई थी। कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद 25 अप्रैल को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। धनंजय के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी श्रीकला बीएसपी की टिकट पर जौनपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। ऐसे में धनंजय के जमानत पर बाहर आने के बाद जौनपुर सीट पर चुनाव दिलचस्प हो जाएगा, क्योंकि निश्चित तौर पर उनके प्रचार करने का फायदा उनकी पत्नी को ज्यादा मिलेगा।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जमानत दे दी। उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। उन्हें एमपी-एमएलए कोर्ट ने अपहरण और जबरन वसूली मामले में सात साल की कैद की सजा सुनाई थी। अधिवक्ता शिव प्रताप सिंह ने जानकारी दी। pic.twitter.com/UgsNkr2CmX
— IANS Hindi (@IANSKhabar) April 27, 2024
गौरतलब है कि नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को जौनपुर के लाइन बाजार थाने में अपहरण और रंगदारी मांगने का आरोप लगाते हुए धनंजय सिंह पर केस दर्ज कराया था। पुलिस को दी गई तहरीर पर आरोप लगाया गया था कि धनंजय का परिचित विक्रम सिंह अभिनव सिंघल का अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास पर ले गया था जहां अभिनव से रंगदारी की मांग की गई। इसी मामले में धनंजय सिंह हो एमपी-एमएलए कोर्ट ने सात साल कैद की सजा सुनाई। इसी के साथ ही धनंजय सिंह जो खुद जौनपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बनाए थे, उनकी मंशा पर पानी फिर गया।