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Relief to Dhananjay Singh : बाहुबली धनंजय सिंह को जमानत, सजा पर रोक नहीं, जानिए इसके मायने, क्या लड़ पाएंगे चुनाव?

Relief to Dhananjay Singh : अपहरण और रंगदारी के एक मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने धनंजय सिंह को सात साल कैद की सजा सुनाई थी। इसी के साथ ही धनंजय के लोकसभा चुनाव लड़ने की मंशा पर पानी फिर गया। फिलहाल उनकी पत्नी श्रीकला बीएसपी की टिकट पर जौनपुर सीट से चुनाव लड़ रही हैं।

नई दिल्ली। जौनपुर से पूर्व सांसद और बाहुबली धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने धनंजय सिंह की जमानत अर्जी को स्वीकार कर लिया, हालांकि उन्हें झटका देते हुए अदालत ने उनकी सात साल की सजा को बरकरार रखा है। सजा पर रोक की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। अब इसका मतलब ये हुआ कि धनंजय सिंह जेल से बाहर तो आ जाएंगे लेकिन चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इससे पहले आज ही धनंजय सिंह को जौनपुर जेल से बरेली जेल शिफ्ट किया गया है।

आपको बता दें कि धनंजय सिंह को अपहरण और रंगदारी के एक मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सात साल कैद की सजा सुनाई थी। धनंजय ने सजा पर रोक की मांग करते हुए जमानत की अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट में लगाई थी। कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद 25 अप्रैल को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। धनंजय के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी श्रीकला बीएसपी की टिकट पर जौनपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। ऐसे में धनंजय के जमानत पर बाहर आने के बाद जौनपुर सीट पर चुनाव दिलचस्प हो जाएगा, क्योंकि निश्चित तौर पर उनके प्रचार करने का फायदा उनकी पत्नी को ज्यादा मिलेगा।

गौरतलब है कि नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को जौनपुर के लाइन बाजार थाने में अपहरण और रंगदारी मांगने का आरोप लगाते हुए धनंजय सिंह पर केस दर्ज कराया था। पुलिस को दी गई तहरीर पर आरोप लगाया गया था कि धनंजय का परिचित विक्रम सिंह अभिनव सिंघल का अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास पर ले गया था जहां अभिनव से रंगदारी की मांग की गई। इसी मामले में धनंजय सिंह हो एमपी-एमएलए कोर्ट ने सात साल कैद की सजा सुनाई। इसी के साथ ही धनंजय सिंह जो खुद जौनपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बनाए थे, उनकी मंशा पर पानी फिर गया।