नई दिल्ली। एआई इंजीनियर अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में गिरफ्तार उसकी पत्नी निकिता सिंघानिया समेत तीन आरोपियों को आज कोर्ट से जमानत मिल गई। बेंगलुरु की सिटी सिविल कोर्ट ने निकिता के साथ उसके भाई अनुराग सिंहानिया और मां निशा सिंहानिया की बेल अर्जी को स्वीकार कर लिया। अतुल सुभाष ने अपनी पत्नी निकिता और उसके परिवार वालों पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए 9 दिसम्बर को बेंगलुरु स्थित अपने फ्लैट में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद पुलिस ने निकिता को गुरुग्राम से जबकि उसकी मां निशा और भाई अनुराग को प्रयागराज से गिरफ्तार किया था।
अतुल सुभाष ने आत्महत्या करने से पहले 1 घंटे 23 का एक वीडियो जारी किया था। इसके साथ उसने 24 पेज का एक सुसाइड नोट भी लिखा था। इसमें उसने निकिता और उसके परिवार वालों के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए थे। अतुल ने निकिता के चाचा सुशील सिंघानिया और जौनपुर फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक पर भी आरोप लगाया था। अतुल ने कहा था कि जज रीता कौशिक ने कई बार केस की सुनवाई के दौरान उसे अपमानित किया। इतना ही नहीं जज ने केस को निपटाने के लिए 5 लाख रुपए बतौर रिश्वत मांगे थे। निकिता के चाचा सुशील सिंघानिया को इलाहाबाद हाईकोर्ट से 50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत मिल गई थी।
उधर, अतुल सुभाष के चार साल के बेटे की कस्टडी के लिए अतुल के माता पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिस पर सुनवाई चल रही है। अतुल सुभाष मूल रूप से बिहार का रहने वाला था। वो बेंगलुरु में एक साफ्टवेयर कंपनी में बतौर एआई इंजीनियर काम करता था। उसकी पत्नी निकिता उससे अलग होने के बाद गुरुग्राम में रहकर नौकरी कर रही थी। जबकि निकिता के परिवारवाले जौनपुर में रहते हैं। अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद निकिता की मां और भाई जौनपुर से फरार हो गए थे, जिसके बाद पुलिस ने उन दोनों को प्रयागराज से गिरफ्तार किया था।