नई दिल्ली। दुनियाभर में पिछले तीन महीनों से कोरोनावायरस ने कहर बरपा रखा है। अब तक 30,000 से ज्यादा लोगों की जान चुकी है, पता नहीं यह संख्या अभी और कितनी बढ़ेगी। ऐसे में वैज्ञानिकों की बड़ी टीम दिन-रात इस बीमारी काट निकालने में जुटी है। इस बीच एक रिसर्च में यह पाया गया है कि भारत में टीबी के लिए लगने वाला BCG टीका, कोरोनावायरस के खिलाफ ‘बह्रामास्त्र’ की तरह काम आ सकता है।
वैज्ञानिकों ने अपने रिसर्च में पाया कि जिन देशों में BCG टीका लगने की पॉलिसी नहीं है, वहां मरनेवालों की संख्या ज्यादा है, जैसे कि अमेरिका, इटली, स्पेन और कई यूरोपीय देश। जबकि भारत में कोरोना संक्रमण बहुत ही कंट्रोल में है, BCG टीका इसकी एक बड़ी वजह हो सकता है।
अमेरिका (US) के न्यूंयॉर्क इंस्टीरट्यूट ऑफ टेक्नोबलॉजी (NIT) के डिपार्टमेंट ऑफ बायोमेडिकल साइंसेस के एक शोध में दावा किया गया है कि जिन देशों में टीबी (TB) की रोकथाम के लिए बच्चों को बेसिलस कामेट गुएरिन यानी बीसीजी (BCG) का टीका लगाया जाता है, उनमें कोरोना वायरस से मौतों के मामले काफी कम होंगे।
भारत में 1962 से राष्ट्रीय टीबी प्रोगाम की शुरुआत के बाद से बच्चों को जन्म से लेकर 6 महीने के भीतर BCG का टीका लगा दिया जाता है। मीडिया खबरों के अनुसार,BCG के इस 100 साल पुराने टीके का कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए परीक्षण भी किया जा रहा है।