नई दिल्ली। हरियाणा हाईकोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव पर रोक लगा दी है। यह चुनाव कल यानी की 12 अगस्त को होना था। इससे पहले गुवाहाटी हाईकोर्ट ने डब्लूएफआई के चुनाव पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने उक्त आदेश असम कुश्ती संघ की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया था। यह दूसरी बार है, जब भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव पर रोक लगाई गई है। आइए, आगे जानते हैं कि आखिर चुनाव पर रोक क्यों लगाई गई है? दरअसल, भारतीय कुश्ती महासंघ के 15 पदों पर चुनाव होने हैं, जिसमें चार उम्मीदवार अध्यक्ष पद पर, जबकि तीन वरिष्ठ उपाध्यक्ष, 6 उपाध्यक्ष, तीन महासचिव, दो कोषाध्यक्ष, संयुक्त सचिव और 9 उम्मीदवार कार्यकारी सदस्य पद के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं। बता दें कि इन पदों पर चुनाव के लिए 30 प्रत्याशियों ने नामांकन किया है। बहरहाल, ये सब तो ठीक है, लेकिन चुनाव पर कोर्ट ने रोक क्यों लगाई?
बता दें कि संजय सिंह नामक शख्स को भी चुनावी मैदान में उतारा गया, जिस पर पहलवान आपत्ति जता रहे हैं। दरअसल, संजय सिंह कोई और नहीं, बल्कि यौन शोषण के आरोपों में घिरे भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी है। इसके अलावा संजय सिंह के ऊपर भी यौन शोषण के आरोप लग चुके हैं, जिसके विरोध में बीते दिनों पहलवानों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसे ध्यान में रखते हुए अब इस चुनाव पर रोक लगा दी गई है। ध्यान दें कि बीते दिनों बृजभूषण ने यह मामला केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के समक्ष भी उठाया था। वहीं, अब पहलवान यह जानकर राहत की सांस ले रहे हैं कि चुनाव पर रोक लगा दी गई है, लेकिन अभी-भी लोगों को कोर्ट के अंतिम फैसले का इंतजार है।
वहीं, बात बृजभूषण शरण सिंह की करें, तो वो पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि ना ही वो चुनाव लड़ेंगे और ना ही उनके परिवार का कोई सदस्य लड़ेगा। उन्होंने बीते दिनों मीडिया से बातचीत के दौरान स्पष्ट कर दिया था कि उनके बेटे और दामाद में से कोई भी चुनाव नहीं लड़ेंगे। लिहाजा उनके परिवार से किसी ने भी अपना नामांकन दाखिल नहीं किया है। इसके अलावा भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव के लिए मैदान में उतरे सभी प्रत्याशियों में से एक प्रत्याशी ऐसी भी है, जिसे सभी पहलवान सहर्ष स्वीकार कर रहे हैं। उस पहलवान का नाम है अनीता श्योराण, जो कि ओडिशा का प्रतिनिधित्व करती है।