नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जी-20 बैठक की तैयारियां हो चुकी हैं। कुछ देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारत पहुंच चुके हैं, तो वहीं कई देशों के आज शाम तक पहुंचेंगे। खबर है कि जापान, यूके, फ्रांस, अर्जेंटिना के राष्ट्रपति भारत पहुंच चुके हैं, तो वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन आज शाम सात बजे भारत पहुंचेंगे। वहीं, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत आने में असमर्थ हैं, तो उनकी जगह पर चीन के विदेश सचिव इस बैठक में शिरकत करेंगे।
#WATCH | The Tibetan community in Delhi stage a protest near Majnu Ka Tilla against the Chinese Government pic.twitter.com/SIbELQG0uj
— ANI (@ANI) September 8, 2023
इसके अलावा रूस के राष्ट्रपति भी नहीं पहुंचे हैं। दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से उन्होंने बैठक में शामिल होने को लेकर अपनी असमर्थता जाहिर की है। लिहाजा उनकी जगह बैठक में रूस के विदेश मंत्री शामिल होंगे। उधर, बैठक में चर्चा के लिए एजेंडा निर्धारित कर लिया गया है। इस बीच एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे लेकर विवादों का बाजार गुलजार हो चुका है। आइए, आगे कि रिपोर्ट में इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
#WATCH | On the protest by the Tibetan community, DCP North, Delhi, Sagar Singh Kalsi says, “We had received a request for a protest called by the Tibetan Youth Congress. We denied their request, however, to have a peaceful situation in the area in terms of law & order and… pic.twitter.com/G3puFMzwTI
— ANI (@ANI) September 8, 2023
दरअसल, जी-20 समिट से पहले चीन के खिलाफ मजनू टीला के पास तिब्बत शरणार्थियों ने अपना आक्रोश जाहिर किया है। उन्होंने चीन के खिलाफ अपना प्रदर्शन जाहिर किया है। सूत्रों के मुताबिक, तिब्बत शरणार्थियों ने जी-20 में चीनी प्रतिनिधियों के शामिल होने पर आपत्ति जताई है। बता दें कि जी-20 समिट से पहले तिब्बत शरणार्थियों का यह विरोध प्रदर्शन अपने चरम पर पहुंच चुका है, जिसे लेकर मुख्तलिफ किस्म की चर्चाएं शुरू हो चुकी है। ध्यान दें, चीन तिब्बत पर अपना दावा ठोकता है, जिसे लेकर कई मौकों पर विश्व फलक पर बहस छिड़ी है। अब ऐसे में जी -20 समिट से पहले शुरू हुआ यह विरोध आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।