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Jagdish Tytler: MCD चुनाव से पहले कांग्रेस ने सिख विरोधी दंगे में आरोपी जगदीश टाइटलर को दिया बड़ा तोहफा, भड़की BJP, पूछे तीखे सवाल

वहीं, सियासी पंडितों का मानना है कि जगदीश टाइटलर को समिति में शामिल करके कांग्रेस ने अपनी सियासी राह दुभर कर ली है। ऐसी स्थिति में एमसीडी चुनाव में अपना विजयी पताका फहराने के लिए कांग्रेस क्या कदम उठाती है? इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

नई दिल्ली। 1984 के सिख विरोधी दंगे में आरोपी जगदीश टाइटलर को नगर निगम चुनाव के लिए गठित समिति में शामिल करके कांग्रेस बीजेपी के निशाने पर आ गई है। सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या पार्टी के पास कोई और नेता नहीं था कि टाइटलर जैसे शख्स को यह अहम जिम्मेदारी सौंपी। बता दें कि दिल्ली नगर चुनाव को ध्यान में रखते हुए विभिन्न समितियों का गठन किया गया है। इन समितियों का प्रमुख कार्य चुनावी गतिविधियों को अंजाम देना है।

बता दें कि सिख दंगे में आरोपी बनाए जाने के बाद जगदीश टाइटलर सियासी गतिविधियों से वंचित कर दिए गए थे, लेकिन अब समिति में शामिल कांग्रेस ने उन्हें पॉलिटिकल टॉनिक दे दिया है। उधर, बीजेपी भी कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। बीजेपी की तरफ से शहबाज पूनावाला ने ट्वीट कर कहा कि, ‘1984 के सिख नरसंहार पीड़ितों के घावों पर नमक छिड़कने के लिए कांग्रेस ने जगदीश टायलर को प्रदेश चुनाव समिति में पदोन्नत किया – पहले सज्जन कुमार का बचाव किया, फिर उन्होंने टायटलर को बढ़ावा दिया और राजीव गांधी ने 1984 को “बड़ा पेड” कहकर उचित ठहराया था।

वहीं, सियासी पंडितों का मानना है कि जगदीश टाइटलर को समिति में शामिल करके कांग्रेस ने अपनी सियासी राह दुभर कर ली है। ऐसी स्थिति में एमसीडी चुनाव में अपना विजयी पताका फहराने के लिए कांग्रेस क्या कदम उठाती है? इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। ध्यान रहे कि बीते दिनों मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता कमलनाथ पर भी सिख समुदाय के लोगों का गुस्सा भड़का था। भड़के सिख समुदाय के लोगों ने कहा था कि अब तुम हमारे घर परिवार को बर्बाद करने के बाद क्या करने आए हो। दरअसल, कलमनाथ इंदौर में राहुल गांधी के ठहरने की जगह का जायजा लेने पहुंचे थे। इस बीच उनका सिख नेताओं ने स्वागत किया, जिस पर अन्य सिख नेता भड़क गए। वहीं, अब दिल्ली एमसीडी चुनाव में सिख दंगा एंगल सामने आया है।

Congress 123

आपको बता दें कि दिल्ली नगर निगम चुनाव को ध्यान में रखते हुए विभिन्न समिति का गठन किया गया है, जिसमें कैंपेन समिति, समन्वय समिति, चुनाव घोषणा पत्र समिति, मीडिया समिति, पब्लिसिटी समिति तथा डिजिटल और सोशल मीडिया समिति शामिल है। जिसे लेकर अब विवादों का बाजार गर्म हो चुका है। कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी ने भी समिति का गठन किया है। बता दें कि चार दिसंबर को दिल्ली में नगर निगम के चुनाव होने हैं और नतीजों की घोषणा आगामी सात दिसंबर को होगी। सभी राजनीतिक दलों के सियासी सूरमा अपनी तैयारियों में जुट चुके हैं। ऐसे में कौन बाजी मारने में सफल रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।