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Gujarat: गुजरात में पेपर लीक करने वाले सावधान, सरकार ने पेश किया विधेयक, खरीदने वालों पर भी होगा एक्शन

Gujarat: इन सामने आ रहे मामलों पर पूरी तरह से नकेल लगाने के लिए अब गुजरात सरकार एक्शन मोड में आ गई है। सरकार ने विधानसभा में इसे लेकर विधेयक को पेश कर दिया है। सरकार द्वारा सार्वजनिक परीक्षा विधेयक के पेश होने के बाद अब अगर कोई पेपर लीक में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

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gujarat paper leak.

नई दिल्ली। बीते काफी समय से सरकारी पेपरों के लीक होने के मामले सामने आ रहे हैं। इन सामने आ रहे मामलों पर पूरी तरह से नकेल लगाने के लिए अब गुजरात सरकार एक्शन मोड में आ गई है। सरकार ने विधानसभा में इसे लेकर विधेयक को पेश कर दिया है। सरकार द्वारा सार्वजनिक परीक्षा विधेयक के पेश होने के बाद अब अगर कोई पेपर लीक में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

gujarat paper leak

पेपर लीक करने और खरीदने वालों पर एक्शन

पेपर लीक करने और खरीदने वालों के खिलाफ अब गुजरात सरकार ने आर-पार की ठान ली है। सरकार द्वारा विधानसभा में पेश इस सार्वजनिक परीक्षा विधेयक में पेपर लीक करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही किए जाने की भी बात कही गई है। ऐसे में अब कानून बनने के बाद अगर कोई राज्य में पेपर लीक करता हुआ पाया जाता है तो उसे 3 से 10 साल तक जेल की हवा खानी पड़ सकती है।

जेल के साथ जुर्माना भी !

सार्वजनिक परीक्षा विधेयक के तहत आरोपियों को न सिर्फ जेल बल्कि जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। जिसकी रकम 1 लाख से 1 करोड़ तक रहेगी। सरकार के इस विधेयक के पेश होने के बाद अब अगर कोई पेपर खरीदता (छात्र) हुआ भी पाया जाता है तो उसे भी 2 से 10 साल तक की कैद में रखा जा सकता है। ऐसे में सरकार के इस विधेयक के जरिए पेपर लीक करने वालों और पेपर खरीदने वालों दोनों पर ही शिकंजा कसा जाएगा।

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गुजरात सरकार द्वारा विधानसभा में विधेयक पेश कर पेपर लीक करने वालों पर एक्शन के लिए कदम उठाया गया तो देश की सबसे पुरानी पार्टी (कांग्रेस) इससे नाराज नजर आई। कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि क्यों सरकार सरकारी प्रेस में पेपर नहीं छपवाती। इससे पेपर लीक की संभावना ही नहीं रहेगी।

rahul gandhi congress

कांग्रेस ने पेपर लीक मामले के अलावा सरकार को शराबबंदी मामले में भी घेरा और कहा कि बस कानून बनाए जाते है। उन्हें लागू कराने के लिए सख्ती नहीं की जाती। खैर गुजरात सरकार की तरफ से पेश विधेयक के बाद तो यही माना जा रहा है कि अब पेपर लीक के मामलों में कमी आएगी। अब देखना होगा कि गुजरात सरकार की ये रणनीति काम आएगी या नहीं…

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