नई दिल्ली। 5 अगस्त को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन को दूरदर्शन पर लाइव दिखाया जाएगा। इसकी एक वजह ये भी है कि लोग कोरोना जैसी महामारी में घरों से नहीं निकल पाएंगे, और एक साथ बड़ी तादाद में एकत्रित भी नहीं हो पाएंगे, ऐसे में दूरदर्शन की तरफ से इस बड़े कार्यक्रम का लाइव लोगों के लिए किया जा रहा है। लेकिन कुछ लोगों को इस लाइव कवरेज को लेकर आपत्ति है और उन्होंने इसको लेकर अपना विरोध भी दर्ज कराया है।
दूरदर्शन पर भूमि पूजन कार्यक्रम दिखाए जाने को लेकर प्रसार भारती के पूर्व CEO रहे जवाहर सरकार ने दूरदर्शन पर दिखाए गए कार्यक्रमों, जोकि हिंदू धर्म से जुड़े रहे, उनको लेकर एक लेख लिखा है। इस लेख में उन्होंने रामायण, महाभारत, जैसे सीरियलों का भी जिक्र किया है कि दूरदर्शन पर एक धर्म से संबंधित धारावाहिक भी दिखाए गए हैं। ऐसे में उन्होंने भूमि पूजन को दूरदर्शन पर दिखाए जाने पर भी अपनी टिप्पणी की है।
उनके इस लेख पर प्रसार भारती के मौजूदा सीईओ शशि शेखर वेम्पति ने उन्हें 21 मार्च 1980 इंदिरा गांधी के देवबंद दौरे को याद दिलाया, जिसका प्रसारण दूरदर्शन पर किया गया था। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि, पूर्व CEO ने ये नहीं बताया कि दूरदर्शन हम बड़े कार्यक्रमों की कवरेज करता है। उन्होंने अपने कार्यकाल के कार्यक्रमों का उल्लेख नहीं किया। इसी को बताते हुए उन्होंने उस दौर का एक वीडियो भी शेयर किया है।
Exercise in intellectual dishonesty by the former CEO. Fails to mention that the Public Broadcaster routinely covers major events of all hues. Not to mention the plurality of serials/programs over the decades including those during his tenure. https://t.co/Djkh0ZFauX
— Shashi S Vempati (@shashidigital) August 2, 2020
बता दें कि प्रसार भारती के पूर्व सीईओ जवाहर सरकार इससे पहले भी चर्चा में आ चुके हैं जब उन्होंने राष्ट्रीय प्रसारणकर्ता को ‘प्रचार भारती’ कहा था। दिल्ली हिंसा को लेकर मार्च में प्रसार भारती के पत्रकारों ने एक बयान में कहा था कि, “दिल्ली हिंसा पर अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की एकतरफा, भारत विरोधी भड़काऊं रिपोर्टिग के कारण प्रसार भारती के सीईओ शशिशेखर वेम्पति ने बीबीसी के एक निमंत्रण को ठुकरा दिया और उसे उसकी एकतरफा रिपोर्टिग की याद दिलाई थी, खासतौर से वर्दीधारी पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्टिग पर उन्होंने आपत्ति जताई थी।
पूर्व सीईओ जवाहर सरकार ने देश और प्रसार भारती के साथ खड़े होने के बजाए संस्था को प्रचार भारती कहकर इसका अपमान किया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है और इसके लिए हम सभी पत्रकार और कर्मचारी जवाहर सरकार के इस कृत्य के लिए उनकी भर्त्सना करते हैं।”