राम मंदिर भूमि पूजन

मुनव्वर राणा ने अयोध्या में मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कहा है कि इससे इंसाफ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि विवाद में फैसला तो आया, लेकिन न्याय नहीं मिला।

ऐसे में राम मंदिर निर्माण के लिए बड़ी संख्या में चंदा दिया जा रहा है। जिससे मंदिर निर्माण सुचारू रूप से किया जा सके।

अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के भव्य 'भूमिपूजन' समारोह का प्रसाद सबसे पहले एक दलित परिवार को दिया गया। परिवार महाबीर का है और उन्हें राम चरित मानस की एक प्रति और 'तुलसी माला' के साथ प्रसाद दिया गया।

भूमि पूजन के बाद बाबरी मस्जिद को लेकर ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन (कुल हिन्द इमाम) के प्रेजिडेंट मौलाना साजिद रशीदी ने कुछ ऐसा कहा है जोकि एक विवाद का रूप ले रहा है।

गुरुवार को इन परिवारों ने भगवान राम और हनुमान जी की तस्वीर के समक्ष पूजा-अर्चना की। हिन्‍दू धर्म अपनाने वाले परिवारों के बुजुर्गों का कहना है कि उनके पूर्वज हिन्‍दू थे।

अमेरिका की राजधानी न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर भी आज राममय दिखा। यहां राम मंदिर की तस्वीर का डिजिटल बोर्ड के जरिए प्रदर्शन किया गया।

अदालत में राम मंदिर के लिए 50 साल तक मुकदमा लड़ने वाले स्वामी रामचंद्र दास परमहंस की जैसे अंतिम इच्छा पूरी हो रही है।

हनुमानगढ़ी में बजरंगबली का आशीर्वाद लेकर प्रधानमंत्री और सीएम योगी ने भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए श्रीराम जन्मभूमि की ओर प्रस्थान किया। पूरा कार्यक्रम एकदम समयानुसार संपन्न हुआ। पीएम और सीएम अलग-अलग गाड़ियों से श्रीराम जन्मभूमि के लिए रवाना हुए।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास के मुहूर्त को लेकर सवाल उठाए है।

भूमि पूजन को लेकर साध्वी ऋतंभरा ने कहा, करीब 500 साल के संघर्ष के बाद स्वाभिमान की जो पुन: प्रतिष्ठा हुई है उसका आनंद अपार है।