
नई दिल्ली। मोदी सरकार में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा एलान किया है। नितिन गडकरी ने बुधवार को दिल्ली में 63वें एसीएमए के वार्षिक सत्र में पराली को लेकर ये एलान किया। गडकरी ने बताया कि अब पराली जलाई नहीं जाती। किसानों से पराली लेकर देश में 1 लाख लीटर एथेनॉल बनाई जा रही है। इस एथेनॉल को पेट्रोल वगैरा में मिलाया जाता है। उन्होंने ये बताया कि आने वाले कुछ साल में सभी तरह के विमान, फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर वगैरा भी किसानों से ली जाने वाली पराली से बनने वाले ईंधन से चलेंगे। गडकरी ने बताया कि सरकार इस पराली से 150 टन बायो बिटुमेन भी बना रही है।
#WATCH अब पराली जलती नहीं है। अब पराली से 1 लाख लीटर इथेनॉल बनाई जाती है। 150 टन बायो बिटुमेन बनाते हैं। आने वाले कुछ वर्षों में कमर्शियल हवाई जहाज, फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर किसानों द्वारा तैयार किए गए ईंधन पर चलेंगे: दिल्ली में आयोजित 63वें एसीएमए वार्षिक सत्र में केंद्रीय मंत्री… pic.twitter.com/HOyZ0c4oBG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 14, 2023
पराली की बात करें, तो पिछले कई साल से खेत में फसल काटने के बाद बचने वाली इस चीज से पर्यावरण के प्रदूषण का मसला उछलता रहा है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी में किसान खेत से फसल काटने के बाद उसे अगली फसल के लिए तैयार करने के वास्ते पराली को जलाते हैं। पराली को जलाने का ये काम शीतकाल में होता है। इस वजह से दिल्ली समेत उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में पराली जलाने से उठे धुएं की वजह से धुंध होती है और दमघोंटू हवा से लोग परेशान होते हैं।
पराली को जलाने से रोकने के लिए किसानों के वास्ते पंजाब सरकार ने आर्थिक मदद देने का फैसला भी किया था। इसके अलावा पराली को खेत से उखाड़ने के लिए मशीन खरीदने पर भी केंद्र सरकार की तरफ से सब्सिडी देने का फैसला किया गया था। फिर पराली को खरीदकर उससे एथेनॉल बनाने की योजना शुरू की गई थी। इसी योजना की सफलता के बारे में अब परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में जानकारी दी है। उम्मीद है कि इस साल सरकार की योजनाओं की वजह से पराली जलाने की घटनाओं में और कमी आएगी।