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Nitin Gadkari On stubble: पराली को लेकर परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का बड़ा एलान, अब तक इसे जलाते रहे हैं किसान

पराली की बात करें, तो पिछले कई साल से खेत में फसल काटने के बाद बचने वाली इस चीज से पर्यावरण के प्रदूषण का मसला उछलता रहा है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी में किसान खेत को अगली फसल के लिए तैयार करने के वास्ते पराली को जलाते हैं। इससे धुंध होती है और हवा भी दमघोंटू हो जाती है।

नई दिल्ली। मोदी सरकार में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा एलान किया है। नितिन गडकरी ने बुधवार को दिल्ली में 63वें एसीएमए के वार्षिक सत्र में पराली को लेकर ये एलान किया। गडकरी ने बताया कि अब पराली जलाई नहीं जाती। किसानों से पराली लेकर देश में 1 लाख लीटर एथेनॉल बनाई जा रही है। इस एथेनॉल को पेट्रोल वगैरा में मिलाया जाता है। उन्होंने ये बताया कि आने वाले कुछ साल में सभी तरह के विमान, फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर वगैरा भी किसानों से ली जाने वाली पराली से बनने वाले ईंधन से चलेंगे। गडकरी ने बताया कि सरकार इस पराली से 150 टन बायो बिटुमेन भी बना रही है।

पराली की बात करें, तो पिछले कई साल से खेत में फसल काटने के बाद बचने वाली इस चीज से पर्यावरण के प्रदूषण का मसला उछलता रहा है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी में किसान खेत से फसल काटने के बाद उसे अगली फसल के लिए तैयार करने के वास्ते पराली को जलाते हैं। पराली को जलाने का ये काम शीतकाल में होता है। इस वजह से दिल्ली समेत उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में पराली जलाने से उठे धुएं की वजह से धुंध होती है और दमघोंटू हवा से लोग परेशान होते हैं।

stubble burning

 

पराली को जलाने से रोकने के लिए किसानों के वास्ते पंजाब सरकार ने आर्थिक मदद देने का फैसला भी किया था। इसके अलावा पराली को खेत से उखाड़ने के लिए मशीन खरीदने पर भी केंद्र सरकार की तरफ से सब्सिडी देने का फैसला किया गया था। फिर पराली को खरीदकर उससे एथेनॉल बनाने की योजना शुरू की गई थी। इसी योजना की सफलता के बारे में अब परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में जानकारी दी है। उम्मीद है कि इस साल सरकार की योजनाओं की वजह से पराली जलाने की घटनाओं में और कमी आएगी।