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Big Jolt To Byjus: बायजूस को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, बीसीसीआई से सेटलमेंट की मिली इजाजत सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की

Big Jolt To Byjus: सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई और बायजूस के बीच सेटलमेंट के एनसीएलएटी के आदेश को रद्द कर दिया है। इससे पहले इसी साल 14 अगस्त को बायजूस और बीसीसीआई के बीच सेटलमेंट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई थी। जानिए अब सेटलमेंट की रकम का क्या होगा?

नई दिल्ली। ऑनलाइन एजुकेशन देने वाली कंपनी बायजूस को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा झटका दिया। सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई और बायजूस के बीच सेटलमेंट के एनसीएलएटी के आदेश को रद्द कर दिया है। इससे पहले इसी साल 14 अगस्त को बायजूस और बीसीसीआई के बीच सेटलमेंट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई थी।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने बीसीसीआई से सेटलमेंट को रद्द करते हुए कहा कि इसमें जो तरीका अपनाया गया है, उसमें तमाम खामियां हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बायजूस और बीसीसीआई में सेटलमेंट इन्सॉल्वेंसी प्रोफेशनल पंकज श्रीवास्तव की मंजूरी के बगैर किया। पंकज श्रीवास्तव को एनसीएलएटी ने ही 16 जुलाई को बायजूस का कामकाज देखने के लिए रखा था। बायजूस और बीसीसीआई के बीच सेटलमेंट के खिलाफ अमेरिका की कर्जदाता कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी थी। अमेरिकी कर्जदाता ने बायजूस को पैसा दिया था।

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सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बीसीसीआई को मिली रकम और ब्याज को बायजूस की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स के पास जमा कराएं। इस रकम को फिलहाल एस्क्रो खाते में रखा जाएगा। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने बायजूस और बीसीसीआई को एनसीएलएटी की तरफ से मिलने वाले निर्देशों का पालन करने के लिए भी कहा गया है। बता दें कि बायजूस के संस्थापक बायजू रवींद्रन के बाई रिजु रवींद्रन ने बीसीसीआई को 158 करोड़ का भुगतान कर स्पॉन्सर मामले में विवाद का सेटलमेंट किया था। रिजु रवींद्रन ही थिंक एंड लर्न कंपनी के सबसे बड़े शेयर होल्ड हैं। बीसीसीआई ने इससे पहले बायजूस के खिलाफ दिवालिया कानून की कार्रवाई के लिए एनसीएलएटी में अर्जी दी थी। वहीं, अमेरिकी कर्जदाता ग्लास ट्रस्ट कंपनी ने इस सेटलमेंट का विरोध करते हुए 1.2 अरब डॉलर की रकम वापस मांगी थी।