नई दिल्ली। किसानों के नेता राकेश टिकैत की नई धमकी से आंदोलनकारी किसान संगठनों और मोदी सरकार के बीच बड़े टकराव के आसार बनते दिख रहे हैं। टिकैत ने एलान किया है कि 29 नवंबर को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के दिन 60 ट्रैक्टरों में सवार होकर 1000 किसान संसद तक मार्च निकालेंगे। टिकैत का कहना है कि इस मार्च के जरिए मोदी सरकार पर एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाने के लिए दबाव डाला जाएगा। राकेश टिकैत ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि दिल्ली की सड़कों से होकर ट्रैक्टर मार्च संसद तक पहुंचेगा। सरकार को इसके लिए सड़कों को खुला रखना होगा। उन्होंने कहा कि हम सरकार से मांगों को लेकर बात करना चाहते हैं और इसी वजह से सीधे संसद तक जाएंगे। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को गुरुनानक जयंती के मौके पर तीनों कृषि कानून वापस लेने का एलान किया था। मोदी ने तब आंदोलनकारियों से अपने घर वापस जाने की अपील भी की थी, लेकिन राकेश टिकैत और अन्य किसान नेताओं ने आंदोलन जारी रखने का एलान कर रखा है। अब वे एमएसपी कानून पर अड़ गए हैं।
टिकैत का कहना है कि सरकार एमएसपी पर कानून बनाने के लिए कुछ नहीं कह रही है। पिछले एक साल में 750 किसानों की आंदोलन के कारण जान गई। इसकी जिम्मेदारी भी मोदी सरकार पर है। किसान संगठनों ने मृतक किसानों के घरवालों को मुआवजा देने और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी पर रखने की मांग भी की है। किसान संगठनों ने 29 नवंबर को राज्यों की राजधानियों में भी ट्रैक्टर मार्च निकालने का एलान कर रखा है। इसकी वजह से कानून-व्यवस्था की गंभीर स्थिति पैदा होने की आशंका है।
उधर, संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक विदेश में भी उनके समर्थन में तमाम कार्यक्रम होंगे। बता दें कि खालिस्तान समर्थक सिख फॉर जस्टिस ने भी किसानों के आंदोलन को समर्थन दे रखा है। ये संगठन आतंकवादी है और अलग खालिस्तान देश की मांग करता है। भारत में इस संगठन को बैन किया गया है।