![OBC Certificates Canceled in West Bengal : कलकत्ता हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, पश्चिम बंगाल में 2010 के बाद से जारी ओबीसी प्रमाण पत्र किए रद्द](https://hindi.newsroompost.com/wp-content/uploads/2024/05/kolkata-high-court-1.jpg)
नई दिल्ली। कलकत्ता हाईकोर्ट के एक आदेश से पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा 2010 के बाद से जारी किए गए सभी ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द कर दिए हैं। इस आदेश के तहत लगभग 5 लाख ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द कर दिए जाएंगे। उधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के इस आदेश को स्वीकार नहीं करेंगी।
कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस तपोब्रत चक्रवर्ती और राजशेखर मंथर की बेंच ने इस मामले में हालांकि उन लोगों को राहत दी है जो इन सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी पा चुके हैं। पीठ का कहना है कि 2010 से पहले बने ओबीसी सर्टिफिकेट के आधार पर मिली नौकरी या जारी भर्ती प्रक्रिया पर कोर्ट के इस फैसले का प्रभाव नहीं पड़ेगा। कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि 2011 से प्रशासन ने नियम का पालन किए बगैर ओबीसी सर्टिफिकेट जारी कर दिए। इस तरह से जारी किए गए प्रमाण पत्र असंवैधानिक हैं। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम 1993 के अनुसार, ओबीसी की एक नई सूची तैयार करने का निर्देश दिया।
आपको बता दें कि आज से ठीक एक महीने पहले 22 अप्रैल को कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में पश्चिम बंगाल में 2016 में 25 हजार 753 शिक्षकों और गैर शिक्षण कर्मचारियों के पदों पर हुई भर्ती को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया था। इसके साथ ही इन कर्मचारियों से 7-8 साल की नौकरी दौरान मिली सैलरी भी वापस करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट का कहना था कि इन भर्तियों में जबर्दस्त धांधली की गई है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने बीती 7 मई को कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले अंतरिम रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिक्षक भर्ती घोटाले में सीबीआई अपनी जांच जारी रखे, लेकिन शिक्षकों और कर्मचारियों पर कोई एक्शन न ले। अब 16 जुलाई को केस की अगली सुनवाई होगी।