newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Delhi Schools Closed: बेकाबू प्रदूषण के बीच दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, स्कूलों में समय से पहले दी विंटर ब्रेक की छुट्टी

Delhi Schools Closed: बता दें कि राजधानी में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। दिवाली से पहले ही दिल्ली की अबोहवा पूरी तरह से जहरीली हो चुकी है। जिसके चलते आज दिल्ली सरकार ने इस बार विंटर वीकेशन की छुट्टी में बदलाव करते हुए पहले ही देने की घोषणा कर दी है।  

नई दिल्ली। दिल्ली से बड़ी खबर सामने आ रही है। राजधानी दिल्ली में बेकाबू प्रदूषण को लेकर केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। दिल्ली सरकार ने स्कूलों में समय से पहले विंटर ब्रेक की छुट्टी का ऐलान कर दिया। केजरीवाल सरकार ने सभी स्कूलों में 9 से 18 नवंबर तक विंटर ब्रेक घोषित करने के निर्देश दिए है। दिल्ली सरकार ने ये फैसला वायु प्रदूषण की वजह से लिया है जिसकी वजह से स्कूलों में सर्दियों की छुट्टी पहले कर दी गई है। दिल्ली सरकार ने इसको लेकर सभी स्कूलों के लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।

आदेश में ये भी कहा गया है कि सर्दी की छुट्टी में बच्चे ना तो स्कूल जाएगे और ना ही टीचर। बता दें कि राजधानी में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। दिवाली से पहले ही दिल्ली की आबोहवा पूरी तरह से जहरीली हो चुकी है। इस समय दिल्ली में AQI 500 के करीब चल रहा है। जो कि बेहद ही खराब श्रेणी में आता है। इसी वजह से आज दिल्ली सरकार ने इस बार विंटर वीकेशन की छुट्टी में बदलाव करते हुए पहले ही देने की घोषणा कर दी है। इससे पहले प्रदूषण की वजह से दिल्ली में सभी प्राइमरी स्कूल 10 नवंबर बंद करने का आदेश दिया था। वहीं छठी से 12वीं तक की पढ़ाई ऑनलाइन की गई थी। 

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, “दिल्ली में हम GRAP के सभी नियमों को सख्ती के साथ लागू कर रहे हैं लेकिन हमारे चारो तरफ के राज्यों की सरकारें उदासीनता और निष्क्रियता के साथ हाथ पर हाथ रखे बैठी हैं। जिस तरह से केंद्र सरकार चुप्पी साधकर अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटा हुआ था। मुझे लगता है सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद इनकी संयुक्त बैठकें होंगी और सभी राज्यों में कार्यान्वयन पर ध्यान दिया जाएगा…दिवाली के लिए दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया है। पिछले एक महीने से मैं निरंतर इस बात पर जोर दे रहा हूं कि हमारे चारो ओर जो राज्य हैं वहां पटाखों पर प्रतिबंध लगाया जाए… लेकिन न कोई सुनने को तैयार है न कोई बोलने को तैयार है… ऐसा लगता है कि भाजपा की सरकारों के लिए प्रदूषण मायने ही नहीं रखता। उनका एक ही फॉर्मूला है, बयानबाजी फॉर्मूला…”