पटना। बिहार में पीएम किसान सम्मान निधि में बड़ी गड़बड़ी होने की खबर है। खबर के मुताबिक 81000 अपात्रों ने झूठी जानकारी देकर या जानकारी छिपाकर पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त हासिल की। इन अपात्रों से अब किसान सम्मान निधि की किस्त की वसूली के आदेश हुए हैं। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बिहार के कृषि निदेशक आलोक रंजन घोष का हवाला देते हुए बताया है कि बैंकों को जल्द वसूली करने के लिए कहा गया है। अफसर ने न्यूज एजेंसी को बताया कि जिन अपात्रों ने पीएम किसान सम्मान निधि की राशि ली, उनमें से तमाम इनकम टैक्स देते हैं। जबकि, अन्य भी इस राशि को हासिल करने के योग्य नहीं हैं।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक गड़बड़ी की शिकायतों के बाद सभी किसानों के बारे में सरकार ने जानकारी जुटाई। इसमें पाया गया कि 45879 किसान साल 2020 से इनकम टैक्स दे रहे थे। जबकि, 35716 किसान भी विभिन्न कारणों से पीएम सम्मान निधि पाने के काबिल नहीं हैं। इसका खुलासा होने के बाद राज्य के कृषि विभाग ने ऐसे सभी लोगों को मिली पीएम किसान सम्मान निधि की राशि वसूल करने के आदेश बैंकों को दिए। खबर के मुताबिक फर्जीवाड़ा कर किसान सम्मान निधि हासिल करने वालों से कुल 81.6 करोड़ की रकम वसूली जानी है। हाल ही में कृषि विभाग ने राज्य स्तरीय बैंकर कमेटी के साथ बैठक में वसूली के आदेश दिए।
आलोक रंजन घोष ने न्यूज एजेंसी को बताया कि बैंकों से कहा गया है कि फर्जीवाड़ा कर पीएम किसान निधि लेने वालों के खाते सीज किए जाएं। उनसे वसूली के लिए नए सिरे से नोटिस जारी करने को भी कहा गया है। उन्होंने बताया कि अब तक 10.3 करोड़ की रकम वसूली भी जा चुकी है। पीएम किसान सम्मान निधि 1 दिसंबर 2018 से दी जा रही है। इसके तहत साल में तीन बार मिलाकर किसानों को 6000 रुपए केंद्र सरकार की तरफ से दिए जाते हैं।