नई दिल्ली। दिल्ली समेत उत्तर भारत के तमाम इलाके मंगलवार रात करीब साढ़े दस बजे आए भूकंप के तेज झटकों से हिल गए। 10 सेकेंड के इस भूकंप ने लोगों की सांस अटका दी। लोग अपने घरों से निकल आए। दिल्ली में हाल के दिनों में इतना तेज भूकंप नहीं देखा गया था। ये भूकंप अफगानिस्तान की हिंदुकुश पहाड़ियों से शुरू हुआ था। भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.6 मापी गई। इस भूकंप ने दिल्ली और आसपास के अलावा हिमालयी इलाकों के लिए खतरे की घंटी बजाई है। भारत में कई फॉल्ट लाइन हैं। इनकी वजह से देश को कई सीस्मिक जोन में बांटा गया है। सबसे खतरनाक जोन 5 है। इस जोन में जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड का पूर्वी हिस्सा, हिमाचल का पश्चिमी हिस्सा, गुजरात का कच्छ, उत्तरी बिहार, पूर्वोत्तर राज्य, अंडमान और निकोबार द्वीप आते हैं।
बात करें दिल्ली की, तो ये सिस्मिक जोन 4 में है। दिल्ली के अलावा आसपास के एनसीआर के इलाके इस जोन में आते हैं। बड़े भूकंप से इस इलाके में भी बड़ी क्षति होने की आशंका है। दिल्ली में ज्यादातर इमारतें भूकंप रोधी तकनीकी से नहीं बनी हैं। पुरानी इमारतें भी काफी हैं। ऐसे में बड़ा भूकंप आया, तो दिल्ली और आसपास के इलाकों में बड़ी तबाही मच सकती है। भूकंप वैज्ञानिकों के मुताबिक धरती में भारतीय प्लेट लगातार ऊपर की ओर चढ़ रही है। ये प्लेट तिब्बती प्लेट से टकरा रही है। इसकी वजह से भूकंप के झटके लग रहे हैं। अगर भारतीय प्लेट और तिब्बती प्लेट में बड़ी टक्कर होती है और दोनों प्लेट एक-दूसरे के ऊपर चढ़ जाती हैं, तो जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली और आसपास के इलाकों में इतना तेज भूकंप आएगा कि उससे भारी नुकसान होगा।
इस साल की बात करें, तो फरवरी में तुर्किए और सीरिया में विनाशकारी भूकंप आया था। इस भूकंप से 47000 से ज्यादा लोगों की जान गई है। इसके बाद ही एक डच शोधकर्ता फ्रैंक हूगरबीट्स ने भविष्यवाणी की है कि अगला बड़ा भूकंप अफगानिस्तान से शुरू होगा और भारत की जमीन से होते हुए हिंद महासागर में खत्म होगा। तो क्या बीती रात आया भूकंप इसका संकेत है? इसके सिर्फ कयास लगाए जा सकते हैं, क्योंकि ये भविष्यवाणी कोई नहीं कर सकता कि भूकंप कब आएगा।