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Delhi: 1984 सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को बड़ी राहत, एलजी वीके सक्सेना ने दी भर्ती मानदंडों में छूट

Delhi: राजनिवास के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि उपराज्यपाल द्वारा विभिन्न सरकारी विभागों में नियुक्तियों के लिए इस छूट को मंजूरी दी गई है। शैक्षणिक योग्यता में छूट और 55 वर्ष तक की आयु सीमा बढ़ाकर इन आवेदकों को राहत दी गई है।

नई दिल्ली। दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों के लिए एक अहम राहतभरी खबर सामने आई है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इन पीड़ितों को रोजगार देने के लिए भर्ती मानदंडों में बड़ी छूट को मंजूरी दे दी है। इस छूट के तहत 88 आवेदकों के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता और आयु सीमा में 55 वर्ष तक की पूरी छूट दी गई है।

क्या है राहत का दायरा?

राजनिवास के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि उपराज्यपाल द्वारा विभिन्न सरकारी विभागों में नियुक्तियों के लिए इस छूट को मंजूरी दी गई है। शैक्षणिक योग्यता में छूट और 55 वर्ष तक की आयु सीमा बढ़ाकर इन आवेदकों को राहत दी गई है।

एलजी दफ्तर ने क्या कहा?

उपराज्यपाल कार्यालय से जारी एक नोट में कहा गया है कि यह निर्णय दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति, जन प्रतिनिधियों और पीड़ितों के समूहों के बार-बार अभ्यावेदन और हालिया मुलाकात के बाद लिया गया है।

यह छूट 16 जनवरी 2006 को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा मंजूर किए गए पुनर्वास पैकेज के तहत दी गई है। इस पैकेज में सिख विरोधी दंगा पीड़ितों के पुनर्वास और रोजगार के प्रावधान शामिल हैं।

पीड़ितों को मिलेगा रोजगार का लाभ

यह निर्णय 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान प्रभावित हुए लोगों के जीवन में एक नई उम्मीद लेकर आया है। सरकारी विभागों में विभिन्न कार्यों के लिए इन 88 आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी।

न्याय की दिशा में एक कदम

1984 के सिख विरोधी दंगों के बाद से पीड़ितों के पुनर्वास और न्याय की मांग लगातार की जा रही है। यह छूट उनके जीवन स्तर को सुधारने और रोजगार के नए अवसर प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।