नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के रोशनी जमीन घोटाले (Roshni Land Scam) में बड़ा खुलासा हुआ है। 25 हजार करोड़ के इस जमीन घोटाले में कई पार्टी के बड़े राजनेताओं और नौकरशाहों के शामिल होने की जानकारी सामने आई है। सूत्रों ने जानकारी दी है कि इस घोटाला में कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस समेत कई दलों के नेताओं के नाम भी सामने आए है। इस लिस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) और नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) के नेता फारूक अब्दुल्ला के कई साथियों का नाम हैं। बता दें कि 25 हजार करोड़ रुपये के इस घोटाले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) जांच कर रही है।
इस घोटाले में जिन राजनेताओं के नाम सामने आए हैं उनमें हसीब दराबू, केके अमला और मोहम्मद शफी पंडित शामिल हैं। इसमें जम्मू-कश्मीर बैंक (Jammu Kashmir Bank) के चेयरमैन रह चुके हसीब दराबू पीडीपी के बड़े नेता माने जाते हैं और वह जम्मू-कश्मीर के पूर्व वित्त मंत्री भी रह चुके हैं। इसके अलावा उनकी रिश्तेदार शहजादा बानो, एजाज हुसैन और इफ्तिकार दरबो के नाम भी सामने आए हैं। इसके अलावा इस घोटाले में कांग्रेस नेता केके अमला का नाम भी सामने आया है। मो. शफी पंडित मुख्य सचिव रैंक के ऑफिसर रह चुके हैं इन्होंने भी अपने और अपने परिवारों के नाम पर काफी जमीन आवंटित कराई।
क्या है मामला
बता दें कि जम्मू-कश्मीर सरकार के ‘रोशनी एक्ट’ के तहत सरकारी जमीनों की खूब बंदरबांट हुई। जम्मू-कश्मीर में साल 2001 में नेशनल कांफ्रेंस सरकार ने रोशनी एक्ट बनाया। इस एक्ट के तहत, राज्य सरकार ने बेहद मामूली कीमत पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वाले लोगों को उसी जमीन पर स्थायी कब्जा देने की बात कही।
एक्ट का प्रावधान था कि उन्हीं लोगों को जमीन का मालिकाना हक मिलेगा, जिनके पास 1999 से पहले से सरकारी जमीनों पर कब्जा है। वर्ष 2004 में इस एक्ट में बदलाव कर वर्ष 1999 से पहले कब्जे की शर्त हटा दी गई।