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Patna Blast Case: पटना में हो रहे थे ब्लास्ट फिर भी पीएम मोदी ने जनसभा को किया था संबोधित, अब आरोपियों पर कोर्ट ने सुनाया फैसला

Patna Blast Case: चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए नरेंद्र मोदी पटना पहुंचे थे। तभी बीजेपी की हुंकार रैली में सीरियल ब्लास्ट हुए थे। पटना के गांधी मैदान के साथ-साथ पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 10 के सुलभ शौचालय में भी एक ब्लास्ट हुआ था। इन धमाकों के बाबजूद रैली भी हुई और नरेंद्र मोदी ने इसे संबोधित भी किया था।

नई दिल्ली। 27 अक्टूबर साल 2013 को पटना के गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की रैली होने वाली थी। तब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार। पटना के गांधी मैदान में आठ साल पहले आज ही के दिन नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की रैली के दौरान सिलसिलेवार कई जोरदार धमाका हुए थे। इस धमाके में छह लोगों की मौत हो गई थी और 90 से अधिक घायल हो गए। अब इसी धमाके के आरोपियों पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।

10 में से 9 आरोपी दोषी करार 

दरअसल एक चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए नरेंद्र मोदी पटना पहुंचे थे। तभी बीजेपी की हुंकार रैली में सीरियल ब्लास्ट हुए थे। पटना के गांधी मैदान के साथ-साथ पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 10 के सुलभ शौचालय में भी एक ब्लास्ट हुआ था। इन धमाकों के बाबजूद रैली भी हुई और नरेंद्र मोदी ने इसे संबोधित भी किया था। हालांकि अब कोर्ट ने पटना बलास्ट के आरोपियों पर अपना फैसला सुनाया है। पटना सीरियल ब्लास्ट (Patna Serial Blast) केस के 10 में से 9 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। एक आरोपी को सबूत के अभाव में बरी कर दिया है।

घटना के अगले ही दिन NIA ने शुरू की थी जांच 

आपको बता दें कि इस घटना के अगले ही दिन NIA ने जांच शुरू कर दी थी और एनआईए ने महज एक साल के अंदर 21 अगस्त 2014 को 11 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले में हैदर अली, नोमान अंसारी, मो. मुजिबुल्लाह अंसारी, इम्तियाज आलम, अहमद हुसैन, फकरुद्दीन, मो. फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, मो. इफ्तिकार आलम, अजहरुद्दीन कुरैशी और तौफिक अंसारी को गिरफ्तार किया था। हालांकि अब कोर्ट ने इसमें से एक आरोपी को सबूतों के अभाव में बारी कर दिया है।

खबरों की मानें तो एक नवंबर को कोर्ट दोषियों की सजा सुनाने वाली है। हालांकि दोषियों में से एक आरोपी की पहचान नाबालिग के रूप में हुई, जिसकी पहचान सुरक्षित कर ली गई। नाबालिग आरोपी को 12 अक्टूबर, 2017 को किशोर न्याय बोर्ड ने कई विस्फोटों में शामिल होने का दोषी पाए जाने के बाद तीन साल की सजा सुनाई थी।