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Santosh Suman Manjhi resigns: बिहार सरकार में उठापटक हुई तेज, जीतन राम मांझी के बेटे ने नीतीश कैबिनेट से दिया इस्तीफा

Santosh Suman Manjhi resigns: बता दें कि कई दिनों से अटकलें लगाई जा रही थी कि जीतन राम मांझी और उनकी हम पार्टी महागठबंधन सरकार से खुश नहीं थी। इसके संकेत खुद जीतनराम मांझी लगातार दे रहे थे। उनके बेटे संतोष मांझी भी महागठबंधन पर सवाल उठा रहे थे। जिसके बाद आज उन्होंने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है।

नई दिल्ली। बिहार की राजनीति से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बिहार सरकार में उठापटक तेज हो गई है। एक तरफ जहां सीएम नीतीश कुमार 2024 लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार को सत्ता से हटाने के लिए विपक्षी एकता को मजबूत करने में जुट हुए हैं। नीतीश कुमार अलग-अलग के राज्यों का दौरा भी कर रहे हैं। वहीं बिहार में महागठबंधन को जोरदार झटका लगा है। दरअसल हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन मांझी ने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। नीतीश सरकार में संतोष मांझी को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बनाया गया था। संतोष सुमन मांझी ने ऐसे वक्त में नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है, जब 23 जून को राजधानी पटना में विपक्षी एकता की बैठक होने जा रही है। हालांकि इससे पहले मांझी के बेटे ने विपक्षी एकता की होने वाली बैठक से पहले किनारा कर लिया था।

nitish and Manjhi

खबरों के अनुसार आज संतोष मांझी बिहार सरकार में वित्त मंत्री विजय चौधरी से मिलने गए हुए थे। इसके मुलाकात के बाद जीतनराम मांझी ने अचानक से इस्तीफा देकर सबको हैरत में डाल दिया। इस पुष्टि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने भी खुद की है। बता दें कि कई दिनों से अटकलें लगाई जा रही थी कि जीतन राम मांझी और उनकी हम पार्टी महागठबंधन सरकार से खुश नहीं थी। इसके संकेत खुद जीतनराम मांझी लगातार दे रहे थे। उनके बेटे संतोष मांझी भी महागठबंधन पर सवाल उठा रहे थे। वो लगातार नीतीश कुमार पर अनदेखी का आरोप भी लगा रहे थे।  जिसके बाद आज उन्होंने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है।

माना जा रहा है कि संतोष मांझी ने 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर 5 सीटों की मांग की थी। इसको लेकर जीतनराम मांझी और उनके बेटे अपने विधायकों के साथ नीतीश कुमार से मुलाकात भी की थी। इसके बावजूद भी नीतीश कुमार ने उनकी मांग को खारिज कर दिया था।  इसके अलावा ये भी बताया जा रहा है कि 23 जून को होने वाली विपक्षी दलों की एकता बैठक में उनकी पार्टी को आमंत्रित नहीं किया गया था। ऐसे कई सवाल थे जिनको लेकर जीतन राम मांझी नीतीश सरकार से नाराज चल रहे थे।